Ranchi : झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का अंतिम वरीयता सूची प्रकाशित कर दी गयी है. कार्मिक प्रशासनिक सुधार राजभाषा विभाग ने सारी आपत्तियों का निराकरण करते हुए अधिसूचना जारी कर दिया है.
विभाग ने औपबंधिक वरीयता सूची जारी करने के समय आपत्ति मांगी थी जिसकी समीक्षा की गयी. विधि विभाग से भी राय ली गयी. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा Civil Appeal संख्या 8833-8835 of 2019 (Arising out of SLP(C) No.- 19565-19567 of 2019) के मेघचन्द सिंह एवं अन्य बनाम निगम सिरो एवं अन्य में दिनांक 19.11.2019 को पारित न्यायादेश एवं अन्य नियम/ परिनियमों के आलोक में स्पष्टत: यह भी पाया गया कि प्रथम सीमित उप समाहर्ता प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा नियुक्त पदाधिकारियों तथा दूसरे एवं तृतीय एवं चतुर्थ सीमित बैच के पदाधिकारियों की नियुक्ति बिहार प्रशासनिक सेवा (सीमित प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा नियुक्ति) नियमावली 1991 के आलोक में की गई है. उक्त नियमावली में प्रोन्नति के माध्यम से नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है, बल्कि इसमें सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति का प्रावधान है. इसे ध्यान में रखते हुए यह प्रतीत होता है कि प्रथम सीमित तथा दूसरी, तृतीय एवं चतुर्थ सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में एसटी-एससी के अलावा पिछड़ा वर्ग-1 एवं पिछड़ा वर्ग दो कोटि के अभ्यर्थियों को भी आरक्षण का लाभ देकर उप समाहर्ता के पद पर नियुक्त किया गया है. इस प्रकार इनकी नियुक्ति में प्रोन्नति संबंधी आरक्षण के प्रावधान को नहीं अपनाया गया है. ऐसे में विभाग का मानना है की सभी तथ्यों पर सम्यक विचार के बाद झारखंड प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा 2016 तथा इसके उपरांत नियुक्त, कार्यरत पदाधिकारियों की अंतिम वरीयता सूची का निर्धारण किया जाये. इसी आलोक में यह आदेश निकाला गया