Patna: प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (पूर्व कुलपति, मगध विश्वविद्यालय) एवं अन्य के विरुद्ध चार्जशीट पेश कर दी है. यह चार्जशीट 15 अप्रैल, 2025 को पटना की विशेष अदालत में दायर की गई. कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया है. ईडी ने यह जांच विशेष सतर्कता इकाई पटना द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी, SVU द्वारा दाखिल चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि सितंबर 2019 से नवंबर 2021 के बीच, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति रहते हुए, राजेन्द्र प्रसाद ने 2, करोड़ 66 लाख, 99 हजार रुपये की आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित की.
पीएमएलए, 2002 के तहत ईडी की जांच में लगभग 64.53 लाख रुपये मूल्य की अतिरिक्त संपत्तियां मिली, जिन्हें इसी अवधि के दौरान राजेन्द्र प्रसाद ने अर्जित किया. ये सारी संपत्तियां अपराध की आय से अर्जित की गई थीं. जांच में यह सामने आया है कि इस अवधि में राजेन्द्र प्रसाद ने इस अवैध आय का उपयोग कर नकद में 5 संपत्तियां खरीदीं, जिन्हें उनके बेटे अशोक कुमार और उनके भाई अवधेश प्रसाद द्वारा संचालित R.P. कॉलेज के नाम पर लिया गया. बाद में ये संपत्तियां प्यारी देवी मेमोरियल वेलफेयर ट्रस्ट के नाम पट्टे पर ट्रांसफरकर दी गईं. इसके अलावा, राजेन्द्र प्रसाद ने यह अवैध आय नकद में उसी ट्रस्ट के बैंक खाते में जमा की, ताकि इसे ट्रस्ट की वैध आय के रूप में दिखाया जा सके.
जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि राजेन्द्र प्रसाद ने अपने परिवार के सदस्यों को शामिल कर एक सुनियोजित साजिश रची, ताकि अपराध की आय से अर्जित संपत्तियों को सही संपत्ति के रूप में दिखाया जा सके. इस उद्देश्य से पारिवारिक ट्रस्ट का इस्तेमाल किया गया. ईडी ने इस अपराध की आय के अंतर्गत राजेन्द्र प्रसाद के परिवार के सदस्यों एवं उनके स्वामित्व वाले ट्रस्ट के नाम लगभग 64.53 लाख रुपये मूल्य की अचल संपत्तियां अटैच की हैं. आगे की जांच जारी है.