मशहूर यू-ट्यूबर बॉबी कटारिया कबूतरबाजी के आरोप में गिरफ्तार

1 min read

Gurugram: मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बॉबी कटारिया को गुरुग्राम पुलिस ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपा दिया है. गुरुग्राम पुलिस और एनआईए ने ज्वाइंट रेड की थी. दरअसल एनआईए मानव तस्करी मामले में एक संगठित सिंडिकेट की जांच कर रही थी. एनआईए ने बड़ोदरा से मनीष हिंगू, गोपालगंज से प्रह्लाद सिंह, दिल्ली से नबीआलम रे, गुरुग्राम से बलवंत कटारिया उर्फ बॉबी कटारिया और चंडीगढ़ से सरताज सिंह को गिरफ्तार किया था. इस दौरान बड़ी मात्रा में विदेश भेजने के दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और रजिस्टर बरामद किए गए थे.

ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लेकर अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने 8 एफआईआर की थी. जिसमें गुरुग्राम में दर्ज बॉबी कटारिया की एफआईआर भी शामिल है. एनआईए की जांच में पाया गया कि आरोपी एक संगठित गिरोह बनाकर युवाओं को नौकरी का लालच देकर विदेश भेजते थे. युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्राइंगल SEZ और कंबोडिया में फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए दबाब बनाया जाता था. ये कॉल सेंटर विदेशी नागरिक चला रहे थे.

इन कॉल सेंटरों के जरिए क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर ठगी और हनी ट्रैप जैसी अवैध गतिविधियां हो रही थी. जांच में पता चला की ये सिंडिकेट कई देशों तक फैला हुआ है. जहां विदेशी एजेंट थाइलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से बॉर्डर क्रॉस करवाकर लाओस SEZ के लिए भेजते थे. जबकि भारत में ये रैकेट महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, यूपी और बिहार जैसे कई राज्यों में फैला हुआ था.

दो लोगों ने गुरुग्राम पुलिस से संपर्क किया और दावा किया कि कटारिया ने विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे चार लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है. फतेहपुर के मूल निवासी अरुण कुमार और उत्तर प्रदेश के धौलाना निवासी मनीष तोमर द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार उन्होंने इंस्टाग्राम पर विदेश में काम देने से संबंधित एक विज्ञापन देखा. विज्ञापन सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ और यूट्यूब पर कटारिया के आधिकारिक खाते से पोस्ट किया गया था. इन्फ्लुएंसर से संपर्क करने के लिए उन्हें गुरुग्राम के एक मॉल में स्थित कार्यालय में मिलने के लिए कहा गया.

शिकायत के बाद, कटारिया और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 342 (जबरन कैद करना), 506 (आपराधिक धमकी), 420 (धोखाधड़ी), 364 (अपहरण), 370 (मानव तस्करी) तथा 120-बी (आपराधिक साजिश) और आप्रवासन अधिनियम की धारा 10/24 के तहत मामला दर्ज किया था.

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours