Ranchi: रविवार को अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद, झारखण्ड प्रदेश द्वारा रांची स्थित प्रांतीय कार्यालय में मैथिली सम्मान दिवस मनाया गया. परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अमर नाथ झा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में मैथिली को प्रोत्साहन देने में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को भी याद किया गया. अमरनाथ झा के मुताबिक मैथिली भाषा को 22 दिसम्बर 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेईजी ने लोकसभा से पारित किया. 7 जनवरी 2004 को राष्ट्रपति ने इसे स्वीकृति पदान की. उसी समय से भारत के सभी मैथिल संस्थाओं द्वारा 7 जनवरी को मैथिली सम्मान दिवस मनाया जाता रहा है. झारखण्ड में भी अंतराष्ट्रीय मैथिली परिषद, झारखंड प्रदेश की सभी जिला इकाई इसे मनाती आ रही है.
अमरनाथ झा के मुताबिक झारखण्ड में मैथिली को द्वितीय राजभाषा की दर्जा दी गई है परन्तु झारखण्ड नियोजन नीति में इसे शामिल नहीं किया गया है. इससे मैथिल भाषियों में काफी आक्रोश है. पिछले दिन राज्य के सभी जिलों से प्राप्त हस्ताक्षरयुक्त आवेदन राज्यपाल को सौपा गया था. राज्यपाल कार्यालय से इसे मंत्रिमंडल कार्यालय को भेजा गया. इसके बाद पिछले तीन महीने से यह संचिका कार्मिक विभाग में पड़ी हुई है. इस सम्बंध में अब निर्णय लिया गया है कि अब फिर से संघर्ष की तैयारी की जाय.
कार्यक्रम में परिषद की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ आभा झा ने मातृभाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नई शिक्षा में मातृभाषा को महत्व दिया गया है. यह बच्चों के हित में होगा. कार्यक्रम में प्रदेश महासचिव अजय झा, प्रदेश कोषाध्यक्ष विलट पोद्दार, महानगर अध्यक्ष सीएन झा, उपाध्यक्ष यतीन्द्र नाथ दास एवं राजकुमार पोद्दार, विनय झा, डॉली कश्यप, सरस्वती शर्मा, राजेन्द्र शर्मा सहित अन्य भाषा अनुरागी भी उपस्थित थे.
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