Ranchi : कैबिनेट सेक्रेट्री वंदना डाडेल द्वारा ईडी को चिट्ठी लिखे जाने के मामले पर भाजपा ने तंज कसते हुए इसे हास्यास्पद करार दिया. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में महामिलावटी दलों के ठगबंधन कैबिनेट ने भ्रष्टाचारियों को शेल्टर देने का सरकारी उपाय ढूंढ़ लिया है. जिससे ईडी और केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लटकाया, अटकाया और भटकाया जा सके.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसियों की कार्रवाई का भय सरकार पर हावी है. इसका प्रतिफल है कि उपटांग प्रस्ताव कैबिनेट में पारित किया जा रहा है. केंद्र की ईडी, सीबीआइ सरीखी एजेंसियों से इतना ही परहेज है तो हेमंत सोरेन नीत झारखंड सरकार को केंद्र सरकार की योजनाओं और करोड़ों अरबों रुपये के फंड से भी दूरी और परहेज रखना चाहिए.
कुणाल षाडंगी ने कहा कि कांग्रेस नीत केंद्र की यूपीए सरकार के शासन में वर्ष 2012 में पीएमएलए एक्ट पारित हुआ था. इस कानून में यह स्पष्ट प्रावधान है कि ईडी को यह विशेष शक्तियां दी गई हैं कि वह वित्तीय गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के मामलों में सीधे जांच कर सकती है. उसे किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है. इसलिए संघीय ढांचे में संवैधानिक परिवर्तन जो नियम लोकसभा में पारित हुआ हो उसको राज्य के स्तर पर बदला जाना न केवल पहली घटना है बल्कि निहायत ही हास्यास्पद और दुर्भाग्यपूर्ण भी है.
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