New Delhi: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) की मदद से देश की एक प्राइवेट कंपनी इंटुएटिव मशीन्स ने चंद्रमा पर अपना पहला मिशन सफलतापूर्वक लैंड (Spaceship Lands On Moon) कर दिया है. ह्यूस्टन की एक कंपनी करीब 52 साल बाद देश का पहला स्पेसशिप चंद्रमा पर उतारने में सफल रही है.
यह अंतरिक्षयान रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट लैंडर ओडिसियस है. यह किसी प्राइवेट कंपनी का पहला अंतरिक्षयान है, जिसने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंड किया है. नासा की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, मून पर ओडिसियस की लैंडिंग भारतीय समय के मुताबिक 4 बजकर 53 मिनट पर हुई.
मून पर लैंडिंग से पहले ओडीसियस के नेविगेशन सिस्टम में कुछ खराबी आ गई थी, फिर भी चंद्रमा के साउथ पोल पर इसकी लैंडिंग कराई गई. NASA की जानकारी के मुताबिक, अंतरिक्षयान की स्पीड लैंडिंग से पहले तेज हो गई थी. इसने मून का एक्स्ट्रा चक्कर लगा लिया था, जिसकी वजह से इसके लैंडिंग का समय बदल गया था.
बता दें कि इस स्पेसशिप को पहले 14 फरवरी को लॉन्च किया जाना था लेकिन ईंधन संबंधी परेशनी की वजह से इसमें देरी हो गई. अब तक भारत, जापान, चीन और रूस चंद्रमा पर अपने मिशन में सफलता पा चुके हैं. अब इस लिस्ट में अमेरिका भी शामिल हो गया है. खास बात यह है कि किसी प्राइवेट कंपनी ने अब तक ऐसा नहीं किया था.
हेक्सागन के आकार वाला वेसिल 2323 GMT पर 4,000 मील (6,500 किलोमीटर) प्रति घंटे की धीमी गति से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास पहुंचा. बाहरी “ईगलकैम” की फोटोज, जिन्हें स्पेसशिप से उतरने के अंतिम सेकंड में शूट किया जाना था, जारी हो सकती हैं. हालांकि फिलहाल कुछ भी तय नहीं है.
कंपनी के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर टिम क्रैन ने कहा, “बिना किसी डाउट के हमारा उपकरण चंद्रमा की सतह पर हैं और हम ट्रांसमिटिंग कर रहे हैं, इसके लिए टीम को बधाई, हम देखेंगे कि कितना प्राप्त कर सकते हैं.”
बता दें कि अमेरिका की एक अन्य कंपनी ने भी मून पर मिशन भेजने की कोशिश की थी, जो पिछले महीने विफल रहा था. जिसके पास किसी अन्य प्राइवेट कंपनी के पास यह बहुत बड़ी चुनौती थी.
बता दें कि साल 1972 में अपोलो 17 मिशन ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी, इसके बाद अमेरिका ने साल 2022 में आर्टिमिस-1 मिशन को चांद पर भेजा था, लेकिन यह स्पेसक्राफ्ट चांद पर नहीं उतर सका था.
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