अमेरिकी महिला से 1.23 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में भारतीय हैकर को 4 साल की सजा

New Delhi: अमेरिका की एक महिला से 1.23 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में एक भारतीय हैकर को 4 साल की सजा सुनाई गई है. अमेरिकी वकील के मुताबिक कंप्यूटर हैकिंग के जरिए एक बुजुर्ग अमेरिकी महिला से 150,000 डॉलर (1,24,33642 रुपये) धोखाधड़ी करने के मामले में अमेरिका की एक अदालत ने 24 साल के एक भारतीय लड़के को 51 महीने जेल की सजा सुनाई है.

हैकर की पहचान हरियणा के रहने वाले सुखदेव वैद के रूप में हुई है. उसको दिसंबर 2023 में धोखाधड़ी के आरोपों में दोषी ठहराया गया था. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि लड़का अमेरिका में बुजुर्गों को निशाना बना रहा था. अब तक वह 1.2 मिलियन डॉलर से ज्यादा की धोखाधड़ी कर चुका है.

अदालत ने 14 फरवरी को दिए आदेश में कहा कि हिरासत से रिहा होने पर सुखदेव वैद को निर्वासन के लिए सीमा शुल्क और आव्रजन प्रवर्तन ब्यूरो को भेज दिया जाएगा और उसे 1,236,470 डॉलर (10,24,92172 रुपये) का भुगतान करने का आदेश दिया गया.

अदालत ने कहा कि हमारे देश के बाहर के लोगों के लिए मोंटानान को शिकार बनाना बहुत आम हो गया है, खासकर जब यह वायर धोखाधड़ी से संबंधित है, अदालत ने कहा कि कई बार इससे बचा जा सकता है और कई बार नहीं. अमेरिकी अटॉर्नी लास्लोविच ने कहा कि एफबीआई की परिष्कार और दृढ़ता की वजह से सुखदेव वैद को संघीय जेल भेजा जा रहा है, जिसके लिए मैं आभारी हूं.

अमेरिकी अटॉर्नी लास्लोविच ने कहा, हम इन अपराधियों पर नज़र रखते रहेंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि ऐसी कोशिशों के तहत इस तरह के धोखाधड़ी करने वाले लोग सुखदेव वैद की तरह ही खत्म हो जाएंगे. एफबीआई की प्रभारी विशेष एजेंट शोहिनी सिन्हा ने कहा कि ‘फैंटम हैकर’ किसी के कंप्यूटर और उसकी निजी जानकारी तक पहुंचने के लिए धोखाधड़ी करने वाली तकनीक की मदद लेते हैं.

उन्होंने कहा कि दुख की बात यह है कि ये घोटालेबाज तेजी से अमेरिका के बुजुर्गों को निशाना बना रहे हैं. खास बात यह है कि घोटालेबाज पीड़ित के पैसे हड़पने के लिए विदेश यात्रा भी कर चुका है. उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी पॉप-अप या टेक्स्ट मैसेज या ईमेल द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक न करें. साथ ही किसी भी अनजान के कहने पर सॉफ़्टवेयर डाउनलोड न करें, हमेशा याद रखें कि सरकार और कानून प्रवर्तन कभी भी आपसे पैसे मांगने के लिए कॉल नहीं करेंगे.

अदालत को दिए एक बयान में, मोंटाना पीड़िता ने कहा, “मैं बहुत अपमानित महसूस कर रही हूं. मैं भावनात्मक रूप से फंसा हुआ महसूस कर रही हूं. मुझे नहीं पता कि अब मैं किस पर भरोसा कर सकती हूं,  बिल्कुल भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हूं.” वहीं अदालती दस्तावेजों में सरकार का आरोप है कि भारत से निकलने वाला एक बड़ा उद्यम अमेरिकी बुजुर्गों से 1,236,470 डॉलर की चोरी करने में शामिल था.

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