आदेश का अनुपालन नहीं होने पर HC में सशरीर हाजिर होंगे कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के आयुक्त सह सचिव

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Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट ने कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट, धनबाद के सेवानिवृत कर्मी को एसीपी, एमएसीपी का लाभ नहीं दिए जाने मामले में दायर कन्हैया सिंह की अवमनना याचिका की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट में कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के कमिश्नर सह सेक्रेटरी को निर्देश दिया कि वह एकल पीठ के आदेश का अनुपालन 29 जनवरी तक करें, अन्यथा 2 फरवरी को उन्हें कोर्ट में से शरीर उपस्थित होना होगा. इससे पहले प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के कमिश्नर सह सेक्रेटरी कोर्ट में इस मामले में सशरीर उपस्थित हुए थे .उन्होंने प्रार्थी को एसीपी, एमएसीपी का लाभ देने का अंडरटेकिंग दिया था लेकिन तीन माह बीतने के बाद भी प्रार्थी को इसका लाभ नहीं दिया गया. प्रार्थी के अधिवक्ता प्रेम पुजारी ने कोर्ट को बताया गया कि हाई कोर्ट की एकल पीठ ने कन्हैया द्वारा एसीपी, एमएसीपी का लाभ दिलाने से संबंधित याचिका को पूर्व में निष्पादित करते हुए इन्हें इसका लाभ देने का निर्देश दिया गया दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने इन्हें यह करते हुए एसीपी, एमएसीपी  का लाभ नहीं दिया कि इनकी सेवा संपुष्टि का आदेश पारित नहीं किया गया था. इस पर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने कहा था कि चुकी प्रार्थी को सेवानिवृत्ति के उपरांत उसे अन्य  लाभ मिल रहा है और वह 40 वर्ष की सेवा दे चुके हैं, ऐसे में सेवानिवृत्ति के उपरांत  प्रार्थी को एसीपी, एमएसीपी का लाभ इन्हें नही देना उचित प्रतीत नहीं होता है.

एकल पीठ के आदेश का नहीं हुआ पालन

एकल पीठ के आदेश के बाद भी प्रार्थी को एसीपी, एमएसीपी का लाभ नहीं देने पर उनकी ओर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई. अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष यह बात आई की इसी तरह के समदृश्य मामले में अन्य लोगों को एसीपी, एमएसीपी का लाभ दे दिया गया लेकिन प्रार्थी के मामले में सरकार ने एलपीए दाखिल कर दिया है. जिस पर कोर्ट ने कहा कि जब ऐसे समदृश्य मामले में अन्य लोगों को एसीपी, एमएसीपी का लाभ दे दिया गया था तो प्रार्थी के मामले में सरकार ने एलपीए फाइल क्यों किया. इसके बाद कोर्ट ने कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के कमिश्नर सेक्रेटरी को कोर्ट में सशरीर से हाजिर होने का निर्देश दिया था. कोर्ट के आदेश के आलोक में पूर्व में कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के कमिश्नर सह सेक्रेटरी ने अदालत में उपस्थित होकर गलती स्वीकारते हुए प्रार्थी को भी एसीपी, एमएसीपी  का लाभ देने के संबंध में कंसीडर करने का आश्वासन दिया था. लेकिन कोर्ट में अंडरटेकिंग देने के बाद भी उनकी ओर से एकल पीठ के आदेश का पालन नहीं किया गया.

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