Uttarkashi: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मज़दूरों को बाहर निकालने के लिए की जा रही हॉरिज़ोन्टल ड्रिलिंग में लागातार तीन दिनों तक दिक़्क़त आने के बाद अब रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वर्टिकलल ड्रिलिंग की जा रही है.
रविवार तक 19.5 मीटर तक की ड्रिलिंग पूरी कर कर ली गयी है. रेस्क्यू टीम को 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग करनी है. अगर कोई अवरोध पैदा नहीं हुआ तो इसे करने में 100 घंटे लगेंगे.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य रिटायर्ड लेफ़्टिनेंट जनरल सैयद अता हुसनैन ने कहा, “हमारे पास कुल छह प्लान हैं. इनमें से कुछ पर काम हो रहा है, कुछ पर आने वाले दिनों में काम शुरू हो जाएगा.”
“ऑपरेशन कभी भी रोका नहीं गया हम लगातार काम कर रहे हैं, हॉरिज़ोंटल ड्रिलिंग में ऑगर मशीन 47 मीटर भीतर जा कर फंस गयी थी, मशीन को अब तोड़ कर निकाला जा रहा है. 34 मीटर तक मशीन के इन टुकड़ों को खींच कर लाया गया है और 13 मीटर बचा हुआ है. जब ये हो जाएगा तो 47 मीटर तक जो रास्ता बनाया गया है इसके आगे एनडीआरएफ़ की टीम भीतर जा कर मैनुअली इसे खोदने का काम करेगी.”
इस मामले में अब सेना ने भी काम शुरू कर दिया है सैयद अता हुसनैन ने बताया कि सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स का हिस्सा मद्रास सैपर्स की एक इकाई अब ऑपरेशन में मदद करेगी.41 मज़दूरों के टनल में फंसे होने का आज 15वां दिन हैं.
अतिरिक्त सचिव (तकनीकी, सड़क और परिवहन) महमूद अहमद ने कहा कि “हमें अब टारगेट नहीं देना चाहिए कि अब तक ये काम पूरा हो जाएगा, लेकिन फिर भी अब तक जिस तरह से वर्टिकल ड्रिलिंग चल रही है अगर कोई अवरोध पैदा नहीं हुआ तो ये संभव है कि अगले 100 घंटे में हम इसे पूरा कर लें.”
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