Kumar Saurav
Ranchi : नये साल की शुरुआत में जहां सर्द हवा लोगों में सिहरन पैदा कर रही है वहीं राज्य की राजनीतिक सरगर्मी से माहौल गरमा रहा है. नये साल के पहले दिन गांडेय से झामुमो के विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे से कई आशंकाएं पनप रही हैं. सबसे पहले बात जो सामने आ रही है वह यह है कि यह सीट किसी ‘खास’ के लिए खाली की गयी है. अब यह ‘खास’ कौन है, राजनीतिक गलियारे में यह किसी से छुपा नहीं. सवाल मौजूं है कि आखिर सरफराज के इस्तीफे की नौबत क्यों आयी.
सूत्र बताते हैं कि ईडी के बार-बार समन किये जाने के बावजूद हेमंत सोरेन पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हो रहे हैं. ऐसे में ईडी के लिए भी मुख्यमंत्री रहते उन पर शिकंजा कसना टेढ़ी खीर साबित हो रहा था. ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि राजभवन में जो लिफाफा बहुत दिनों से सीलबंद है वह खुल सकता है. उस लिफाफे के खुलते ही सीएम हेमंत सोरेन की विधायकी जा सकती है. ऐसे में उनके पास विकल्प के तौर पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं, जिन्हें वह सीएम की कुर्सी पर आसीन कर सकते हैं. आशंका जतायी जा रही है कि राजभवन में 3 जनवरी को लिफाफा खुल सकता है.
हेमंत सोरेन की विधायकी जाने के बाद और कल्पना सोरेन की ताजपोशी के बाद उनके लिए चुनाव लड़ना और विधायक बनना मजबूरी है. अभी सरकार का टर्म पूरे एक साल बाकी है. ऐसे में सरफराज अहमद के इस्तीफे से उनके चुनाव लड़ने का प्लॉट तैयार किया जा रहा है. चुनाव आयोग की भी बाध्यता है कि वह खाली हुई सीट पर 6 महीने के अंदर चुनाव करा ले. राजनीति के गलियारे में कयासों का बाजार गर्म है, लेकिन इसके साथ ही कहा गया है कि राजनीति में कुछ भी संभव है, जब तक आखिरी दांव न खेला जाये.
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