Nikhil Kumar
Ranchi: झारखंड व रांची-रामगढ़ जिले के लिए सबसे महत्चपूर्ण फोरलेन कॉरिडोर निर्माण गोला-ओरमांझी रोड के लिए 91.19 प्रतिशत से अधिक भूमि उपलब्ध हो गयी है. इसमें करीब रैयतों को 306.19 करोड़ रुपये का मुआवजा राशि वितरित कर दिया गया है। एनएचएआई के इंजीनियरों ने बताया कि 194.68 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें करीब 8.04 हेक्टेयर भूमि राइट ऑफवे के तहत उपलब्ध है.
वहीं, 186.65 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी. इसमें वन भूमि 16.56 हेक्टेयर, जीएम लैंड 17.43 हेक्टेयर व निजी लैंड 152.65 हेक्टेयर की आवश्यकता है. दोनों जिलों के भू-अर्जन कार्यालयों के द्वारा करीब 152.65 हेक्टेयर भूमि का 3जी अवार्ड कर दिया गया है. इसमें करीब 33 गांव की जमीन ली जानी है.
आकलन के अनुसार 462.72 करोड़ रुपये इस सेक्शन में मुआवजा के रूप में वितरित किया जाना है, जिसमें 306.19 करोड़ रुपये वितरित कर दिया गया है. अब भी 156.53 करोड़ रुपये वितरित किया जाना है. रामगढ़ जिला में अब तक 300.18 करोड़ में से 204.96 करोड़ वितरित किया गया है यानि 68.27 प्रतिशत राशि का भुगतान हो गया है, वहीं, रांची जिला में 162.54 करोड़ में से अब तक 101.23 करोड़ का भुगतान हुआ है.
हाल ही में मेंबर एनएचएआई ने रांची दौरे के समय इस प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी. अधिकारियों ने उन्हें बताया कि इस महत्वपूर्ण फोरलेन रोड निर्माण में सबसे बड़ी बाधा अब भी मुआवजा का पूरा वितरण नहीं होना है जिस वजह से काम शुरू होने में दिक्कत हो रही है. अब भी 95.22 करोड़ रुपये रामगढ़ व 61.31 करोड़ रुपये रांची जिले में वितरित होना बाकी है, जबकि एनएचएआई की ओर से भूमि राशि पोर्टल के जरिये पहले ही सारी राशि उपलब्ध करा दी गयी है. वहीं, भूमि के 16.56 हेक्टयेर पर पर रोड बनाने के लिए स्वीकृति मिलना अब भी बाकी है.
बता दें कि, वर्तमान में गोला से ओरमांझी दो लेन रोड है। इसमें काफी वाहनों का आवागमन है। भारी वाहनों का बड़ी संख्या में परिचालन होता हे। लेकिन सिर्फ दो लेन रोड होने की वजह से अक्सर जाम की स्थिति रहती हे। ऐसे में गोला-ओरमांझी रोड के फोरलेन एक्सप्रेस-वे बनने से ट्रैफिक काफी स्मूथ होगा। दोनों जिले के आर्थिक डेवलपमेंट होगा.
रायपुर-धनबाद कॉरिडोर का हिस्सा है, निर्माण का हो चुका है शिलान्यास
भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-धनबाद कॉरिडोर का यह महत्वपूर्ण हिस्सा है जो जैना मोड़ बोकारो तक जायेगा। इसके आगे चास-धनबाद रोड को कॉरिडोर से जोड़ा जाना है। इस रोड का शिलान्यास कुछ माह पहले ही एनएचएआई चेयरमेन संतोष कुमार यादव ने किया था, लेकिन आवश्यक जमीन उपलब्ध नहीं होने की वजह से कुछ दिनों तक काम लटका रहा।
इस तरह होगा सड़क निर्माण
हाइब्रिड एनुनियिटी के तहत चार लेन रोड बनाया जाना है. 27.846 किमी रोड का निर्माण किया जाना है. 732 करोड़ में इसे बनाया जाना है. बीते 27 जून 2023 को एग्रीमेंट किया गया है और इसे 24 माह में बनाया जाना है. एनएचएआई ने मेसर्स पीआरए गोला-ओरमांझी हाइवे प्राइवेट लि. को निर्माण का जिम्मा दिया गया है.
ऐसा होगा रोड
लंबाई- 27.846 किमी
सर्विस,स्लिप रोड: 37.106 किमी
चार बाइपास- 22.596 किमी,
रिएलाइमेंट, चौड़ीकरण: 5.250 किमी
मेजर ब्रिज-1
माइनर ब्रिज-7
कल्वर्ट: 63 बॉक्स कल्वर्ट, रि-कंस्ट्रक्शन दो बॉक्स कल्वर्ट
आरओबी-1
बस शेल्टर- 6 नबंर, चार लोकेशन
वीयूपी- 3
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