जैन धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थल पारसनाथ पहाड़ को संरक्षित करे सरकार: HC

Ranchi: जैन धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थल पारसनाथ पहाड़ को जैन धर्म धर्मावलंबियों की भावनाओं के अनुरूप रखने को लेकर जैन संस्था ज्योत की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई. मामले में प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि विगत कई वर्षों से पारसनाथ पहाड़ जो जैन धर्म का प्रमुक धार्मिक स्थल है वहां शराब एवं मांस बिक्री, अतिक्रमण जैसे कार्य हो रहे हैं, लोग यहां पिकनिक मनाने भी आते हैं. कुछ अनाधिकृत कंस्ट्रक्शन भी वहां किए गए हैं. राज्य सरकार इस पर अंकुश नहीं लगा पा रही है. राज्य सरकार इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है, इस धार्मिक स्थल पर शराब एवं मांस की बिक्री होना धर्मावलंबियों की भावनाओं को आहत पहुंचा रहा है. वहां स्थित कुछ आंगनबाड़ी स्कूलों में बच्चों को भोजन के रूप में अंडे भी दिए जा रहे हैं.

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि सरकार जैन धर्म सहित सभी धर्मावलंबियों की भावनाओं का भावनाओं का ख्याल रख रही है, जैन धर्मावलंबियों के पारसनाथ पहाड़ पर मांस बिक्री, अतिक्रमण जैसे कार्यों के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. जैन धर्मावलंबियों की किसी तरह की धार्मिक भावना को ठेस नहीं लगने दिया जाएगा. इस पर चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मौखिक कहा कि जैन धर्म के धार्मिक स्थल पारसनाथ पहाड़ को सरकार संरक्षित रखें. वहां धार्मिक भावनाओं के अनुरूप कार्य हो. कोर्ट ने यह भी कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के साथ प्रार्थी एवं राज्य सरकार के प्रतिनिधि पारसनाथ पहाड़ का अवलोकन कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट को देंगे. कोर्ट इस संबंध में अंतरिम आदेश पारित करेगा.
प्रार्थी ने जनहित याचिका दायर कर कहा था पारसनाथ पहाड़ पर मांस बिक्री, अतिक्रमण, शिकार जैसे कार्य हो रहे हैं, जो जैन धर्म मानने वालों की भावना को ठेस पहुंचा रहे हैं. केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री आफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट क्लाइमेट चेंज ने 5 जनवरी 2023 को एक नोटिफिकेशन जारी कर माना है कि पारसनाथ पहाड़ी पर जो भी कार्य किया जाए वह जैन धर्म की भावना को ध्यान में रखकर किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता डैरियस खंबाटा, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, खुशबू कटारुका, शुभम कटारुका ने पक्ष रखा.

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