झारखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत किया गया शत प्रतिशत लाभुकों को किया गया आच्छादित, 23,944 दुकानों में लगायी गयी डिजिटल वजन मशीन

Ranchi : राज्य सरकार के मुताबिक झारखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत शत प्रतिशत लाभुकों को आच्छादित किया जा चुका है. खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की बीते 4 वर्षों की उपलब्धियों के बारे में सोमवार को विभागीय सचिव अमिताभ कौशल ने जानकारी दी. सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते कहा कि खाद्य सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीरता के साथ कार्य कर रहा है. राज्य की एक बड़ी आबादी को खाद्य सुरक्षा विभाग की विभिन्न स्कीमों से आच्छादित किया जा रहा है. विभाग योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर विभिन्न स्तर पर कार्य कर रहा है. योजनाओं में नवाचार का समावेश करते हुए राज्य के लोगों को न्यूट्रिशन सिक्योरिटी करीब 66 लाख लाभुक परिवारों को दी जा रही है. लोगों के पोषण की आवश्यकता को देखते राज्य सरकार द्वारा राज्य खाद्य सुरक्षा योजना स्वीकृत की गई है. इसके अंतर्गत लाभुकों को 5 किलोग्राम प्रति लाभुक प्रति माह चावल उपलब्ध कराया जाता है. इस योजनान्तर्गत प्रारंभ में 15 लाख लाभुकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है. इस योजनान्तर्गत अबतक 33,16,489 लाभुक आच्छादित हुए हैं.

धान अधिप्राप्ति योजना

अमिताभ कौशल ने बताया कि किसानों से धान का क्रय सीधे करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने व्यापक व्यवस्था की है ताकि राज्य के किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके. राज्य सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति के लिए सभी जिलों में आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में धान अधिप्राप्ति केन्द्र खोले गये हैं. धान अधिप्राप्ति के लिए झारखण्ड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लि0 को नोडल एजेंसी बनाया गया है. खरीफ विपणन मौसम 2023-24 में धान अधिप्राप्ति हेतु कुल 6.00 लाख एमटी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. खरीफ विपणन मौसम 2023-24 में भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपये प्रति क्लिंटल के अतिरिक्त 117 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को उनके आय में वृद्धि एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बोनस भुगतान का निर्णय लिया गया है.

खरीफ विपणन मौसम 2023-24 से धान अधिप्राप्ति योजना अन्तर्गत Minimum Threshold Parameters (MTPs) के तहत Biometric Based Procurement (आधार आधारित अधिप्राति प्रणाली) लागू किया गया है, जिससे अधिप्राप्ति केन्द्रों (लैम्पस/पैक्स आदि) पर किसानों से धान क्रय के समय उनका Biometric प्राप्त करते हुए पहचान सुनिश्चित की जायेगी.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (JSFSS) से आच्छादित 65,98,574 लाभुक परिवारों के बीच वर्ष में दो बार एक धोती / लुंगी तथा एक साड़ी रुपये 10/-प्रति वस्त्र की दर से धोती, लुंगी एवं साड़ी का वितरण किया जा रहा है.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दो श्रेणियों यथा-अन्त्योदय परिवार (AAY) तथा पूर्वविक्ता प्राप्त गृहस्थ श्रेणी (PHH) को नियमित रूप से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. पात्र गृहस्थ योजना के अन्तर्गत लाभुकों को 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति सदस्य प्रतिमाह एवं अन्त्योदय अन्न योजना के अन्तर्गत लाभुक परिवार को 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति परिवार प्रतिमाह कराया जाता है. अधिनियम के तहत लाभुकों का आच्छादित किये जाने का लक्ष्य 2,64,25,385 है, जिसके विरूद्ध वर्तमान में शत् प्रतिशत लाभुक आच्छादित हैं. भारत सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में NFSA से आच्छादित लाभुकों को माह जनवरी, 2023 से मुफ्त में खाद्यान्न (चावल एवं गेहूँ) उपलब्ध कराया जा रहा है.

मुख्यमंत्री दाल-भात योजना के जरिये पूरे राज्य में सरकारी भोजन केन्द्र के माध्यम से राज्य के जरूरतमंदों दिहाड़ी मजदूर, गरीब, निर्धन एवं अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को मात्र 5 रुपये के भुगतान पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. वर्तमान में 377 स्वीकृत नियमित दाल-भात केन्द्रों के माध्यम से जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

सभी जनवितरण प्रणाली दुकानों में Digital Weighing Machines का अधिष्ठापन किया जा रहा है. कुल 25,282 जनवितरण प्रणाली दुकानों में से अबतक 23,944 दुकानों में Digital Weighing Machines का अधिष्ठापन किया जा चुका है. शेष दुकानों में अधिष्ठापन की कार्रवाई की जा रही है. पश्चिमी सिंहभूम जिले के 50 जन वितरण प्रणाली दुकानों एवं रामगढ़ जिला के 07 जन वितरण प्रणाली दुकानों में 4G नेटवर्क आधारित ई-पॉस मशीनों के माध्यम से पॉयलट आधारित खाद्यान्न वितरण की जा रही है. राज्य अन्तर्गत बॉयोमेट्रिक सत्यापन असफल होने का प्रतिशत ज्यादा वाले लगभग 1500 जन वितरण प्रणाली दुकानों में IRIS Scanner उपलब्ध कराते हुए खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है.

राज्य के जन वितरण प्रणाली दुकानों को Common Service Centre (CSC) के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है. 10 हजार जनवितरण प्रणाली दुकानों को CSC हेतु चिन्हित किया गया, जिसमें से अबतक 6,671 जन वितरण प्रणाली दुकानों को CSC के रूप में विकसित किया जा चुका है. इससे जन वितरण प्रणाली दुकानदारों के आय में वृद्धि होगी. CSC के रूप में परिवर्तित 318 दुकानें DigiPay के रूप में,  580 दुकानें डिजिटल सेवा पोर्टल (DSP) के रूप में एवं 802 दुकानें eStore के रूप में रजिस्टर्ड हैं. जन वितरण प्रणाली के अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण की आवश्यकता को समाप्त किया गया है.

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