देवघर के त्रिकूट पर्वत हादसे मामले में दर्ज पीआईएल को हाईकोर्ट ने किया बंद

Ranchi: त्रिकूट पर्वत, देवघर में रोपवे दुर्घटना से तीन लोगों की मौत मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में हुई. मामले में हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस एमएस  रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि मामले में जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी ने विशेषज्ञों की टीम से रिपोर्ट मांगी थी. रिपोर्ट  के आलोक में रोपवे संचालित करने वाले कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया. घटना के मृतकों के परिजन को मुआवजा दे दिया गया है. कोर्ट ने सरकार का पक्ष सुनने के बाद इस जनहित याचिका को निष्पादित करते हुए बंद कर दिया. सरकार की ओर से अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने पैरवी की.

वही एमिकस क्यूरी कुमार वैभव ने पक्ष रखा. पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि त्रिकूट पर्वत पर रोपवे हादसा की जांच चल रही है, इसमें रोपवे संचालित करने वाली कंपनी को दोषी पाया गया है, उसके खिलाफ जिम्मेदारी तय की जा रही है. इस हादसे को लेकर एफआईआर  भी दर्ज कराई गई है. कोर्ट को बताया गया था कि त्रिकूट पर्वत पर रोपवे का संचालन करने वाली दामोदर रोपवे इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है. उनसे पूछा गया था कि क्यों नहीं उनको काली सूची में डाल दिया जाए. बता दे कि त्रिकुट पर्वत पर रोपवे में अप्रैल 2022 में एक दुर्घटना घटी थी. जिसमें 3 लोगों की जान चली गई थी. इस पर कोर्ट में स्वत: संज्ञान लिया था. समाचार पत्रों में यह बात आई थी कि एक्सीडेंट से पहले  सिम्फर और बीआईटी मेसरा की रिपोर्ट थी कि रोपवे में प्रॉब्लम नहीं था. रोपवे  को ऑपरेटर ने चलाया था, जिससे दुर्घटना घटी थी.

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