नई इजरायली बस्तियां अवैध और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है : एंटनी ब्लिंकन

Washington: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान अपना गई नीति को पलटते हुए वेस्ट बैंक में नई इजरायली बस्तियों को अवैध और अंतरराष्ट्रीय कानून के विरोध करार दिया है. सब्यूनस आयर्स में अर्जेंटीना की विदेश मंत्री डायना मोंडिनो के साथ एक संयुक्त सम्मेलन में ब्लिंकन ने कहा कि वह इजरायल की नई योजनाओं से निराश हैं.

पत्रकारों से बातचीत करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हमने कई रिपोर्ट्स देखी हैं. मुझे कहना होगा कि हम घोषणा से निराश हैं. लंबे समय से अमेरिकी नीति रही है और हम मानते हैं कि इजरायली नई बस्तियां स्थायी शांति का हल नहीं है.

इसके एक दिन बाद शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा, ‘वे अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ भी असंगत हैं. गौरतलब है कि इजरायल के धुर दक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने संकेत दिया कि बस्तियों में 3,000 से अधिक नए आवास जोड़े जाएंगे. यह बयान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अपनाई गई इजरायल समर्थक नीतियों से हटकर बाइडन प्रशासन के नए बदलाव के रूप में सामने आई.

2019 में ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन विदेश सचिव माइक पोम्पिओ ने दावा किया कि वेस्ट बैंक में इजरायली नागरिक बस्तियों की स्थापना अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ नहीं है. हालांकि ब्लिंकन के बयान का व्हाइट हाउस ने बचाव किया. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि शांति स्थापित करने में नई बस्तियां कारगर नहीं है.

सच कहूं तो यह अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप नहीं है. हम चाहते है कि मुद्दे का स्थायी समाधान निकाला जाए.  ब्यूनस आयर्स में ब्लिंकन ने कहा कि उन्होंने युद्ध के बाद की गाजा योजना के बारे में रिपोर्ट्स देखी हैं.

अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा कि गाजा पर इजरायल का दोबारा कब्जा नहीं होना चाहिए. गाजा के क्षेत्र का आकार कम नहीं किया जाना चाहिए. हम सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जो भी योजना सामने आए वह सिद्धांतों पर आधारित हो.

मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है और मैंने अपने कुछ अरब भागीदारों के साथ कुछ समय बिताया है, जिसमें हाल ही में शामिल है जी20 के मार्जिन के बारे में बात कर रहे हैं. गाजा में युद्ध को लेकर बढ़ते अमेरिकी-इजरायल तनाव के बीच यह उलटफेर हुआ है। संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय भी इजरायल कब्जे की वैधता पर सुनवाई कर रही है.

 

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