निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की पत्नी राजकुमारी देवी एवं पिता गेंदा राम की अग्रिम जमानत याचिका में प्रार्थी को एसीबी, जमशेदपुर में वर्ष 2019 में दर्ज केस में दायर आरोप पत्र को प्रस्तुत करने का हाइकोर्ट ने दिया निर्देश

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Ranchi : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की पत्नी एवं वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को हुई. मामले में हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने प्रार्थी को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी), जमशेदपुर में वर्ष 2019 में दर्ज केस 13/2019  में दायर आरोप पत्र को कोर्ट के रिकॉर्ड में लाने का निर्देश दिया है. इसी केस के आरोप पत्र को आधार बनाते हुए ईडी ने वीरेंद्र राम, गेंदा राम एवं राजकुमारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 फरवरी निर्धारित की है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने पैरवी की. यहां बता दें कि पूर्व में ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट ने गेंदा राम और राजकुमारी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद इन दोनों की ओर से हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई है. 21 अप्रैल 2023 को वीरेंद्र राम, उनके भाई आलोक रंजन, वीरेंद्र राम की पत्नी राजकुमारी देवी एवं पिता गेंदा राम के खिलाफ ईडी की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था. ईडी की टीम ने वीरेंद्र राम की 39.28 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की थी. जब्त की गई संपत्ति वीरेंद्र द्वारा टेंडर में कमीशन से उगाही अर्जित की गई है. 22 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम के आवास पर छापेमारी के दौरान उसके रांची के अशोक नगर स्थित आवास से ईडी ने गिरफ्तार किया था. वीरेंद्र राम के ठिकानों में छापेमारी के दौरान ईडी को करीब 40 लाख से अधिक के कैश एवं डेढ़ करोड़ के जेवरात मिले थे. ईडी ने उनके करीब एक दर्जन लग्जरी वाहन को भी बरामद किया था. ईडी की पूछताछ में उनके पास से 125 करोड़ की चल -अचल संपत्ति की जानकारी मिली थी.

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