मिशन 2024: कोडरमा लोकसभा सीट पर NDA मजबूत, 13 चुनावों में छह बार BJP की जीत, जानिए इस बार के क्या हैं हालात

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Akshay/Rahul

Ranchi: कोडरमा सीट फिलहाल एनडीए के खाते में है. इस सीट पर 13 बार चुनाव हुए. 13 में से छह बार यहां बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई है. 2019 के चुनाव में इस सीट ने चौंकाया भी था. दरअसल बीजेपी ने अपने पूर्व सांसद व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके रविंद्र राय का टिकट काटकर राजद की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी को पार्टी में शामिल करते हुए उन्हें टिकट थाम दिया और उन्होंने भारी मतों से लोकसभा चुनाव में जीत का परचम लहराया. गौर करने वाली बात यह है कि अन्नपूर्णा देवी ने 2019 में जिन्हें हराया था वो अब अन्नपूर्णा देवी की ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. जी हां बात हो रही है बाबूलाल मरांडी की.
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कोडरमा लोकसभा सीट

कोडरमा लोकसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आयी. जनता पार्टी के रतिलाल प्रसाद वर्मा ने इस सीट पर पहली जीत दर्ज की थी. उसके बाद रतिलाल वर्मा 1989, 1996, 1998 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीतकर सांसद बने. 2004 में बाबूलाल मरांडी बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में खड़े हुए और जीते. 2006 में बीजेपी से अलग होने के बाद बाबूलाल मरांडी ने इस्तीफा दे दिया और उसके बाद हुए उपचुनाव में निर्दलीय लड़कर सांसद बने तो वहीं 2009 में जेवीएम के बैनर तले चुनाव लड़ जीत हासिल की. 2014 ने सीपीआई के उम्मीदवार को चुनाव हरा कर बीजेपी के रविंद्र राय ने वापसी करायी. 2019 के चुनाव में यूपीए गठबंधन का हिस्सा बनने पर कांग्रेस ने जेवीएम को यह सीट अपने कोटे से दिया. बाबूलाल मरांडी फिर चुनाव लड़े. लेकिन बीजेपी उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी से भारी मतों के अंतर से हार गए.

विधानसभा सीटों पर एनडीए और इंडी गठबंधन की बराबरी

इस लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल छह विधानसभा सीट आती है, जिसमें कोडरमा सीट पर बीजेपी से नीरा यादव, बरकठ्ठा विधानसभा से निर्दलीय अमित यादव, राजधनवार से बाबूलाल मरांडी, बगोदर से भाकपा माले के विनोद सिंह, जमुआ विधानसभा से बीजेपी के केदार हाजरा विधायक हैं. इसके अलावा गांडेय विधानसभा सीट से सरफराज अहमद जेएमएम से विधायक थे. लेकिन हाल ही में उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में यह सीट फिलहाल खाली है. लेकिन इस सीट पर हमेशा कांग्रेस और जेएमएम का दबदबा रहा है.

हार-जीत का अंतर

2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 12,09,661 वोट पड़े थे. बीजेपी की अन्नपूर्णा देवी को 7,53,016 वोट मिले और यूपीए गठबंधन से चुनाव लड़ रहे तत्कालीन जेवीएम उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी को 2,57,416 वोट मिले थे. वोटों का अंतर 4,55,600 का था. 2014 के चुनाव में कुल 10,24,939 वोट पड़े थे, जिसमें बीजेपी के रविंद्र कुमार राय को 3,65,410 वोट, भाकपा माले के उम्मीदवार राजकुमार यादव को 2,66,756 वोट मिले थे. रविंद्र राय ने 98,654 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.

इस बार के संभावित उम्मीदवार

मिशन 2024 के लिए बीजेपी की तरफ से इस बार भी वर्तमान सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी के लिए सीट रिजर्व मानी जा रही है. वहीं यूपीए की बात करें तो कांग्रेस ने अपने कोटे में आयी इस सीट को जेवीएम की झोली में डाल दिया गया था. जिस पर बाबूलाल चुनाव लड़े लेकिन बुरी तरह से हार गए. इस बार इंडी गठबंधन की बात की जाए तो वाम दलों का दावा इस सीट पर ज्यादा है. कांग्रेस हमेशा से इस सीट पर कमजोर ही रही है. लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद से सिर्फ दो बार ही (1984 और 1999) कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारा है. वहीं जेएमएम की भी इस सीट पर पकड़ ढीली है. ऐसे में वाम दल की झोली में झारखंड की यह सीट जाने की संभावना ज्यादा है.

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