Ranchi : रांची में शनिवार को एक होटल में आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AAI) का एजीएम संपन्न हो गया. इसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री और एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्जुन मुंडा ने की. एजीएम के बाद सेक्रेट्री जेनरल वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने बताया कि देश में आर्चरी के विकास और भविष्य के लिए कई अहम कार्यक्रमों को लेकर चर्चा हुई. पेरिस ओलंपिक और पेरिस-पारा ओलंपिक के लिए अगले तीन माह के लिए रोडमैप पर भी बातें हुईं. वीरेंद्र ने जानकारी देते बताया कि इसी वर्ष ऱांची में सीनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप का आयोजन किए जाने पर विचार हुआ है. संभव है कि राज्य स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर 15 नवंबर के आसपास इसका आयोजन हो. साथ ही कहा कि पिछले कुछ समय में एसोसिएशन की तरफ से 26 घरेलू (डोमेस्टिक) इवेंट्स कराए जा चुके हैं. इनमें 2 एनटीपीसी एनआरएटी, तीन खेलो इंडिया-एनटीपीसी वूमेन एनआरएटी, 5 जोनल, 10 सिटी टूर्नामेंट, 2 खेलो इंडिया यूथ और यूनिवर्सिटी गेम्स तथा 2 नेशनल सेलेक्शन ट्रायल का आयोजन हो चुका है. कोच और जजों के लिए 2-2 वर्कशॉप हो चुके हैं. अब AAI की पहल पर केंद्र सरकार (ट्राइबल मिनिस्ट्री) की ओर से 50 स्कूलों (एकलव्य मॉडल आवासीय) केa 50 लाख रुपये (प्रत्येक स्कूल) की सहायता दी गयी है जिनमें से 5 स्कूल झारखंड के हैं.
जेनरल सेक्रेट्री ने बताया कि जूनियर- सब जूनियर तीरंदाजों को ढाई लाख रुपये तक की सहायता सीधे उनके खाते में दी जायेगी जिससे वे जरूरी खेल उपकरण खरीद सकेंगे. केंद्र को 40 करोड़ रुपये का एक डीपीआर तैयार करके दिया गया है जिससे योग्य तीरंदाजों को ग्रासरूट, इंटरमीडिएट और एलिट लेवल के लिए तैयार किया जा सके. झारखंड में आर्चरी की भरपूर संभावनाओं की चर्चा करते सेक्रेट्री ने कहा कि 8 तीरंदाज पेरिस ओलंपिक के लिए चयनित किए जा चुके हैं. इनमें से 5 तीरंदाज दीपिका कुमारी, कोमलिका बारी, अंकिता भगत, मृणाल चौहान और भजन कौर टाटा आर्चरी एकेडमी (झारखंड) से जुड़ी हुई हैं. झारखंड ने देश को टॉप लेवल के तीरंदाज दिए हैं. साथ ही तीरंदाजी के चार में से तीन द्रोणाचार्य अवार्डी इसी राज्य से हैं.
अगले पांच सालों के लिए भी देश में मोदी सरकार
मीडिया के सवालों पर अर्जुन मुंडा ने भरोसा जताते कहा कि देश की जनता निश्चित तौर पर अगले पांच सालों के लिए भी पीएम मोदीजी को ही कमान सौंपेगी. 2014 से 2024 की अवधि में उन्होंने कई ऐतिहासिक काम किए हैं. उन्हें धरातल पर उतारा है. गांव से शहर तक पानी कनेक्शन, रोड कनेक्टिविटी, आवास सुविधा सहित कई ऐसे काम हैं. रांची में उलगुलान रैली के सवाल पर कहा कि इसमें परिवारवाद को बढ़ावा देने वाले लोग जुट रहे हैं. राजनीति को हथियार बनाकर ऐसे लोगों ने उपयोग किया जो देश के लिए दुरुपयोग साबित हो चुका है. ऐसे लोग शासन में रहते हमेशा सत्ता का अपने लिए उपयोग करते आए हैं. निष्पक्ष जांच से सब परेशान हैं, घबराए हुए हैं. यहां बालू की किल्लत से सरकारी और निजी कार्यों के लिए बालू का जानबूझकर संकट बनाकर रखा गया है जबकि दलालों, माफियाओं को इस काम में उतारा गया है.
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