Bihar: सर्वोच्च न्यायालय ने डॉ सुनील सिंह की सदस्यता बहाल करने का आदेश तो दे दिया है. लेकिन अबतक उनकी सदस्यता उन्हें नहीं मिली है. कोर्ट ने धारा 142 का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया है. इसके साथ ही कोर्ट की ओर से आचार समिति की जारी अधिसूचना भी रद्द कर दी गई है. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में अपनी विधान पार्षद की सदस्यता गंवा चुके राजद नेता सुनील सिंह को सुप्रीम कोर्ट से यह बड़ी राहत मिली लेकिन इस राहत के बाद भी सुनिल सिंह की सदस्यता उन्हें नहीं दी गई है. जबकि अभी बिहार बजट सत्र भी शुरू हो चुका है. सुनील सिंह का आरोप है कि बिहार विधान परिषद ने अबतक कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है.
सुनील कुमार सिंह ने सभापति अवधेश नारायण सिंह को पत्र लिखकर सदस्यता बहाल करने की गुहार लगाई है. उन्होंने ये भी कहा है कि नीतीश कुमार इमीडीयेट बहाली का मतलब स्वयं समझते हैं, अगर आप सीएम नीतीश कुमार का सदन का यह पुराना वीडियो सुनेंगे तो तब आप समझ पायेंगे कि उन्होंने स्वयं कहा था कि इमिडीयेट का मतलब होता है चौबीस घंटे के अंदर, इमीडीयेट का मतलब तीन से चार दिन नहीं होता. बावजूद इसके बिहार सरकार की तरफ से इस तरह का रवैया निंदनीय है. सुनील सिंह ने अपने एफबी पेज पर भी इस मामले में लिखकर अपनी नाराजगी जताई है. उन्होंने यह भी कहा है कि अगर सरकार इस पर संज्ञान नहीं लेती है और उन्हें उनकी सीट, उनकी सदस्यता वापस नहीं देती है तो वह पुन: कोर्ट की शरण में जायेंगे.
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