Principal Correspondent
Ranchi: पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, रामगढ़ को पता ही नहीं कि सरकारी राशि का गबन अगर कोई कॉन्ट्रैक्ट कर्मी कर ले और उसे सेवा से हटा दिया जाए तो वह क्या करे. यहां तक कि यह भी नहीं मालूम कि SBM-JJM (स्वच्छ भारत मिशन-जल जीवन मिशन) में किसी जिले में अनुबंध पर काम करने वाले किसी कर्मी को अगर पैसे के गबन, वित्तीय अनियमितता के चलते डीसी हटा दे तो उससे फिर अपने यहां सेवा लेने के मामले में उसने क्या कदम उठाए हैं. विभागीय पदाधिकारियों संग बदसलूकी करने वालों और जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर सेवा से हटाये गये कर्मी और उससे फिर काम लिए जाने के केस में भी कार्मिक विभाग, झारखंड के या निर्धारित प्रावधानों का उसे पता ही नहीं. भले आप इसके लिए RTI (सूचना अधिकार आवेदन) का ही इस्तेमाल कर क्यों ना उससे जानकारी मांगें.
पूछेंगे आम तो बताएंगे इमली
आवेदक अमित कुमार ने पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, रामगढ़ से RTI के जरिये कुछ जानकारियों की मांग की थी. जानना चाहा कि किसी अनुबंध कर्मी को अगर SBM-JJM प्रोग्राम से किसी जिले से या विभागीय स्तर से हटाया गया हो और फिर उससे किसी जिले में सेवा लिए जाने का प्रावधान हो तो इससे संबंधित प्रावधानों की जानकारी दें. इस पर प्रमंडल ने कहा कि इसके लिए 20 पन्नों के लिए 40 रुपये देने पर सूचनाएं मिलेंगी. पैसे दिए जाने के बाद उसने SBM-JJM के लिए राज्य, जिला एवं प्रखंड स्तर पर पीएमयू के गठन और कर्मियों की चयन प्रक्रिया के बारे में कार्यालय आदेश उपलब्ध कराया. कॉन्ट्रैक्ट पर चुने गये कर्मियों को मिलने वाले मानदेय के बारे में बताया पर यह नहीं बताया कि वित्तीय अनियमितता, लापरवाही पर हटाये गये कर्मियों से सेवा लिए जाने का प्रावधान क्या है.
सूचना देने में खेल
प्रमंडल से यह भी सूचना मांगी गयी कि अनुबंध के आधार पर वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2022-23 की अवधि में अनुबंध के आधार पर सेवा लिए जाने को लेकर जारी विज्ञापन की छायाप्रति दें. साथ ही प्राप्त आवेदनों में से जिस किसी को वित्तीय अनियमितता, लापरवाही की सूचना के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया से हटाया गया, उसकी सूचना दें.
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प्रमंडल ने केवल वर्ष 2022 में अखबारों के जरिये समन्वयक के विभिन्न पदों के लिए जारी विज्ञापन की कॉपी उपलपब्ध करायी है जबकि इस वर्ष 2023 में जारी विज्ञापन की प्रति नहीं दी है. साथ ही इतना बताया है कि 2022 में जारी विज्ञापनों के आधार पर कुल 107 आवेदन उसके पास आए. हालांकि उसने इसके लिए 16 रुपये (प्रति पृष्ठ 2 रुपये की दर से) लिए जाने के बावजूद यह नहीं बताया कि प्राप्त आवेदनों में कितने ऐसे कैंडिडेट रहे जिन्हें लापरवाही, पैसे के गबन के आरोप में किसी जिले से हटाये जाने की सूचना के आधार पर उसे रामगढ़ की चयन प्रक्रिया से हटाने का फैसला लिया गया है.
इस मामले में ताजा उदाहरण पिछले ही दिनों रामगढ़ प्रमंडल द्वारा समन्वयक पद के लिए जारी मेरिट लिस्ट में है जिसमें उसने संजय कुमार मिश्रा का नाम पूर्व में जारी लिस्ट से हटा दिया है. इसका कारण चतरा में अनुबंध पर सेवा के दौरान बरती गयी वित्तीय अनियमितता का मामला प्रमाणित होना बताया है. ऐसे में आरटीआई को भी दरकिनार करने की रामगढ़ प्रमंडल की मंशा साबित हो रही है.
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