Ranchi: वन विभाग में 25 वर्षों से काम कर रहे दैनिक अस्थाई कर्मियों को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने वन विभाग में चतुर्थ वर्गीय पद पर 25 वर्षों से अस्थाई दैनिक कर्मी के रूप में सेवा देने वाले प्रार्थियों की नियुक्ति नियमित करने का निर्देश दिया है. प्रार्थी वन विभाग में फॉरेस्ट प्रोड्यूस ओवरसीयर के पद पर काम कर रहे हैं. कोर्ट ने उनके 25 वर्षों तक अस्थाई कर्मी के रूप में काम करने को देखते हुए यह आदेश पारित किया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि विवाद के कारण अगर किसी अस्थाई दैनिक कर्मी को हटाया गया है तो उनकी भी नियुक्ति स्थाई की जाए.
कोर्ट ने शुक्रवार को वन विभाग में अस्थाई रूप से दैनिक कर्मियों विनोद कुमार पांडे एवं अन्य सहित कई अन्य याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एसएन पाठक की कोर्ट ने प्रार्थियों की याचिका को स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने दैनिक कर्मी के रूप में प्रार्थियों की 25 वर्ष की सेवा को देखते हुए उन्हें नियमित करने का आदेश दिया है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन एवं नागमणि तिवारी ने पक्ष रखा था.
दरअसल, प्रार्थी वन विभाग में चतुर्थ वर्गीय पद फॉरेस्ट प्रोड्यूस ओवरसीयर पर कार्यरत हैं. उनकी ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि वह 25 वर्ष से ज्यादा समय से अस्थाई रूप से दैनिक कर्मी के रूप में फॉरेस्ट प्रोड्यूस ओवरसीयर के पद पर काम कर रहे हैं, उनकी सेवा नियमित की जाए.
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