शिमला में रेलवे ट्रैक तक पहुंची जंगल की आग, इमरजेंसी में रोकनी पड़ी ट्रेन 

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Shimla: हिमाचल प्रदेश में गर्मी से इन दिनों लोगों का हाल बेहाल है. वहीं, अब जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं. प्रदेश के जंगल आग से धधक रहे हैं. करोड़ों रुपयों की वन संपदा जलकर राख हो गई है. शिमला के आसपास के जंगल भी तीन दिन से जल रहे हैं. वहीं, अब आग रिहाशयी इलाकों की तरफ आ रही है. गुरुवार को राजधानी शिमला के साथ लगते तारा देवी और समरहिल के जंगलों में आग लगी थी जिससे शिमला-कालका मार्ग पर सारी ट्रेनों की आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया गया.

कालका से निकली ट्रेन को तारा देवी रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया जहां पर यात्री काफी परेशान हुए. ट्रेन 4 घंटे तक तारा देवी रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही. वहीं, आग को बुझाने के लिए कर्मचारी जुटे रहे लेकिन सड़क ना होने के चलते अग्निशमन की गाड़ियां वहां तक नहीं पहुंच पाईं जिससे आग पर काबू पाने में मुश्किल हुई. बता दें इन दिनों बाहरी राज्यों से काफी तादाद में पर्यटक ट्रेन के माध्यम से शिमला आ रहे हैं. शिमला आने वाली सभी ट्रेनें पूरी तरह से पैक हैं.

बता दें कि कालका-शिमला रेलवे ट्रैक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल है. यह रेलमार्ग उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन के तहत आता है. साल 2008 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेलवे ट्रैक को वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा दिया था. गर्मियों के दिनों में काफी सैलानी इसी रेलवे ट्रैक से शिमला घूमने पहुंचते हैं. इस रेलवे ट्रैक पर 103 टनल हैं.

वन विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक 600 लोगों के खिलाफ पूरे प्रदेश में जंगलों में आग लगाने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है. वहीं, 38 एफआईआर दर्ज हुई हैं. प्रदेश में अब तक 1033 आग लगने के मामले सामने आए हैं. बीते 15 से 20 दिनों के अन्दर 31 जगहों में आग लगी है. बीते साल गर्मियों के मौसम में बारिश ज्यादा हुई थी जिस वजह से प्रदेश में आग लगने की घटनाएं कम सामने आई थीं. वहीं, इस साल गर्मियों के मौसम में बारिश नहीं हो रही है जिस वजह से आग लगने के मामले ज्यादा आ रहे हैं.

 

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