शिल्पी नेहा की मांग- वीर बुधू भगत के नाम पर हो श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी का नाम, अनंत ओझा ने साहेबगंज में उठायी इंडोर स्टेडियम के निर्माण के लिए आवाज

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Ranchi : दोपहर 12.30 बजे झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र जब दोबोरा शुरू हुआ तो इस दौरान शून्य काल चला. इस क्रम में शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी का झारखंड के लिए कोई योगदान नहीं रहा. फिर भी उनके नाम पर रांची यूनिवर्सिटी का नामकरण हुआ. सरकार वीर बुधू भगत के नाम पर इस यूनिवर्सिटी का नामकरण करे. पूर्णिमा नीरज सिंह ने धनबाद में बीसीसीएल द्वारा दामोदर नद को प्रदूषित किये जाने, एनजीटी के गाइडलाइन के उल्लंघन का मसला रखा. दीपिका पांडेय सिंह ने शिक्षा विभाग की सहमति के बावजूद पारा शिक्षकों को अबतक वेतनमान, इपीएफ सुविधा नहीं दिये जाने का मसला रखा. राजेश कच्छप ने ओरमांझी के प्लस टू स्कूल में विज्ञान और गणित विषय के शिक्षक नहीं होने की बात रखी. विनोद सिंह ने हजारीबाग पूर्वी और गिरिडीह वन प्रमंडल में हाथियों द्वारा फसल नुकसान का मुआवजा साल भर से लंबित रहने की जानकारी दी. क्यूआरटी के गठन की भी मांग की. विक्सल कोंगाड़ी ने प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में जनजातीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति का मसला रखा. लंबोदर महतो ने रामगढ़ और बोकारो में वन अधिकार के तहत 225 से अधिक लंबित पट्टे संबंधी आवेदन पर सदन का ध्यान दिलाया. दशरथ गगराई ने पश्चिमी सिंहभूम के स्कूलों में पूर्ववत मिड डे मील व्यवस्था की मांग की. अनंत ओझा ने राजमहल में इंडोर स्टेडियम की कमी और इसके निर्माण की मांग सरकार से की. भूषण बाड़ा ने पंचायत स्वयंसेवकों को बकाया मानदेय देने और स्थायी किये जाने की मांग की. इरफान अंसारी ने फाजिल और आलिम स्नातकों को भी केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों में मान्यता देने का आग्रह किया. रामचंद्र सिंह, मंगल कालिंदी सहित अन्य विधायकों ने भी अपनी मांग रखी. इसके बाद सदन 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

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