सार्वजनिक स्थान अक्सर समाज में मौजूद असमानताओं को दिखाते हैं : डीवाई चंद्रचूड़

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Hyderabad: प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक स्थान अक्सर समाज में पहले से मौजूद सामाजिक असमानताओं को प्रतिबिंबित करते हैं. उन्होंने कहा कि नए बुनियादी ढांचे का निर्माण न केवल वकीलों और न्यायाधीशों के लिए अच्छा है, बल्कि इसका उद्देश्य हमारे समाज के व्यापक वर्ग तक पहुंचना भी है.

वह यहां राजेंद्रनगर में नए तेलंगाना उच्च न्यायालय भवन के निर्माण की आधारशिला रखने और राज्य में 32 ई-सेवा केंद्रों का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे का निर्माण समाज में समुदायों और समूहों को मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिन्हें परंपरागत रूप से न्यायिक प्रक्रिया से बाहर रखा गया है. प्रधान न्यायधीश ने कहा, “हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि सार्वजनिक स्थान अक्सर हमारे समाज में पहले से मौजूद सामाजिक असमानताओं को दर्शाते हैं.

हमारा बुनियादी ढांचा कभी-कभी बहिष्कार के सूक्ष्म संकेतों को प्रतिबिंबित करता है, जैसे कि महिलाओं के लिए शौचालयों की कमी, जिसका मैंने पहले उल्लेख किया था, दिव्यांगों के लिए रैंप, युवा माताओं के लिए क्रेच और स्तनपान कराने के कमरे.”

प्रधान न्यायधीश ने कहा कि ई-सेवा केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करने का कारण यह है कि भारत में अब भी ‘इंटरनेट विभाजन’ है और हर किसी के पास इसकी पहुंच नहीं है. उन्होंने कहा कि हर वकील के पास स्मार्टफोन नहीं है और हर नागरिक के पास लैपटॉप नहीं है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि दिव्यांग-अनुकूल पार्किंग स्थलों की स्पष्ट अनुपस्थिति यह बताती है कि अदालतें दिव्यांगों के लिए नहीं हैं या उन्हें न्याय तक पहुंच प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त बाधाओं को दूर करना होगा.

इस कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति एसवी भट्टी, न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार, तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और कई अन्य कानूनी दिग्गज शामिल हुए.

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