हरियाणा में निजी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण वाला क़ानून पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में ख़ारिज

Chandigarh: हरियाणा में काम कर रही प्राइवेट कंपनियों में राज्य के निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का खट्टर सरकार का 2020 का फ़ैसला हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने शुक्रवार को इससे संबंधित तीन साल पुराने क़ानून को असंवैधानिक क़रार दे दिया.

इस क़ानून का विरोध करने वाली याचिका की पैरवी करने वाले वकील अक्षय भान ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ”हमने कई आधार पर इस क़ानून को हाईकोर्ट में चैलेंज किया था, जिसे मानते हुए सरकार ने इसे ख़ारिज कर दिया.”

कांग्रेस का खट्टर सरकार पर आरोप

कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा ने हाईकोर्ट के फ़ैसले के बाद राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने हाईकोर्ट में इस केस की ठीक से पैरवी नहीं की. उन्होंने कहा, “हाईकोर्ट द्वारा निजी कंपनियों में हरियाणा के मूल निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण को रद्द करना दिखाता है कि राज्य सरकार ने अदालत में इसका ठीक से बचाव नहीं किया. इससे यह भी साफ हो गया कि भाजपा-जजपा ने भ्रष्टाचार करने और राज्य को लूटने के लिए सरकार बनाई थी.”

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours