Ranchi : पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने मंगलवार को कहा कि जनता की आंखों में धूल झोंक कर यह सरकार आयी है. 4 वर्षों में हेमंत सरकार ने काम तो कुछ नहीं किया है, बस काम गिनाने में लग जाती है. प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता में कहा कि हेमंत सरकार समाज कल्याण विभाग आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका-सहायिका को किसी भी तरह का यूनिफार्म उपलब्ध नहीं करा पायी. प्रेस वार्ता में विधायक अपर्णा सेन गुप्ता, महिला मोर्चा अध्यक्ष आरती भी कुजूर उपस्थित थीं.
डॉ मरांडी ने कहा कि बढ़े हुए कुपोषण को रघुवर सरकार में बहुत हद तक कंट्रोल किया गया था, लेकिन आज कुपोषण दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. रघुवर दास की सरकार में पोषण सखी का नियुक्तियां हुई थीं और वे सभी अपनी सेवाएं भी दे रही थीं. लेकिन जैसे ही हेमन्त सोरेन सरकार आयी, उन्होंने पोषण सखी की नियुक्तियां को रद्द कर दिया. साथ ही जो काम कर रही थी, उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया.
वादाखिलाफी कर रही सरकार
डॉ मरांडी ने कहा कि जिस तरह से हेमन्त सरकार महिलाओं के लिए बड़े वाद कर सत्ता में आयी थी, ठीक उसके उलट सरकार काम कर रही है. रघुवर सरकार में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना शुरू हुई थी, उसे यह सरकार सिर्फ नाम बदलकर सावित्री बाई फुले योजना को शुरू कर वाहवाही लूटी रही है.
डॉ मरांडी ने कहा कि रघुवर सरकार में 0 वर्ष से ऊपर के कक्षा तक पैसा देने का प्रवधान था लेकिन हेमन्त सरकार सिर्फ 8वीं कक्षा से ऊपर तक को पैसा देने का काम कर रही है. यह तो उन गरीब परिवार के बच्चों के साथ अन्याय है. ऐसे में उनके माता पिता उनको 8वीं तक की पढ़ाई कैसे करवाएंगे.
डॉ मरांडी ने कहा कि रघुवर सरकार में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर 12वीं पास करने तक 30 हज़ार रुपया और 18 साल की आयु होने पर 10 हज़ार रुपये मिलते थे. साथ ही बेटी की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत अलग से 30 हज़ार रुपये दिए जाते थे. पिछले भाजपा सरकार में 1 रुपए में महिलाओं के लिए 50 लाख तक की जमीन एवं मकान की रजिस्ट्री होती थी जिसे हेमन्त सरकार से बंद कर दिया. हेमंत सरकार चार वर्षों में महिलाओं के लिए संवैधानिक सहारा बनने वाली संस्था महिला आयोग का गठन नहीं कर सकी है.
महिलाओं को सुरक्षा एवं सम्मान दे पाने में हेमन्त सरकार नाकाम: अपर्णा
निरसा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता ने कहा कि 2019 में ठगबंधन की सरकार ने अपने-अपने घोषणापत्र में बड़े बड़े वायदे इस राज्य की जनता को दिखाए थे. सरकार में आएंगे तो महिलाओं को सुरक्षा देंगे. राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की क्या स्थिति है, यह किसी से छिपी नहीं है.
राज्य में पिछले 4 वर्षों में 6000 से अधिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना ही राज्य सरकार में महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी बताने के लिए काफी है.6 से लेकर 60 साल तक की महिलाओं का रेप, हत्या, उत्पीड़न हो रहा है. राज्य की जनता सब कुछ देख रही है कि हेमंत सरकार में महिलाएं कितनी डरी सहमी है.
हेमंत सरकार ने सत्ता में आने से पहले महिलाओं के सुरक्षा के दृष्टिकोण से अलग से बैंक खोलने और 3 लाख की आबादी में महिला थाना खोलने की घोषणा की थी, लेकिन यह भी ख़्याली पुलाव निकला. जब भाजपा की महिला विधायकों के द्वारा विधानसभा में 3 लाख की आबादी में एक महिला थाना के मुद्दों पर आवाज़ उठायी जाती है तो बोलने तक नहीं दिया जाता. इससे पता चलता है कि महिलाओं के प्रति इनकी क्या हमदर्दी है.
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