Ranchi: अंतरिम बजट 2024 गुरूवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किया गया. इस दौरान वित्त मंत्री की ओर से अलग अलग क्षेत्रों में पूर्व में हुए उपलब्धियों और आगामी वर्ष में किये जाने वाले निवेश की जानकारी दी गयी. राज्य के व्यवसायियों की इस पर मिली जुली राय है. प्रमुख व्यवसायिक और औद्यगिक संगठन चैंबर ऑफ कॉर्मस और जेसिया के व्यवसायियों ने इस पर प्रतिक्रिया दी.
जेसिया अध्यक्ष अंजय पचेरीवाला ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंतरिम बजट के कारण इस पर बड़े फैसले नहीं लिये गये है. जो वित्त मंत्री ने उचित समझा. आधारभूत संरचना में विशेष ध्यान दिया गया है. इससे ग्रामीण विकास को गति मिलेगी. आयकर से संबधित पूराने विवादों को खत्म करने की कोशिश की गयी है. एमएसएमई और स्टार्ट अप को बढ़ावा देने की बात कही गयी है. जिससे रोजगार सृजन होगा.
वहीं, चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि अंतरिम बजट विकासोन्मुखी है. सरकारी पूंजी व्यय पर शत प्रतिशत वृद्धि से रोजगार का सृजन होगा. बजट में कृषि क्षेत्र, स्वच्छ उर्जा और आयकर श्रेणियों को तर्कसंगत बनाये जाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. वित मंत्री द्वारा बजट में की गई घोषणा व्यापार की सुगमता में सुधार लायेगी. यह बजट लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिए भी सहायक है. बजटीय उद्बोधन में यह बताया गया कि पिछले दस वर्ष में इनकम टैक्स कलेक्शन में तीन गुना बढोत्तरी हुई है. देश में हवाई अड्डों की संख्या में दोगुना वृद्धि, 1000 नये एयरक्राफ्ट का ऑर्डर, उर्जा-सीमेंट के रेलवे कॉरीडोर की बात हुई है.
महासचिव परेश गट्टानी ने कि सरकार के आत्मविश्वास को दर्शाता है. महिलाओं, युवाओं और कृषि क्षेत्र को लेकर सरकार ने कई नई योजनाएं और सुविधाएं शुरू करने की बात कही है. बजट की सबसे मजबूत बात कारपोरेट टैक्स में कटौती करना है.
उपाध्यक्ष आदित्य मल्अंहोत्रा ने कहा कि अंतरिम बजट के माध्यम से वित मंत्री द्वारा डिजिटल पब्लिक इंफ्रा पर फोकस, महिला सशक्तीकरण, मिडिल क्लास के लिए हाउसिंग स्कीम, निवेश की जरूरतों को पूरा करने के लिए फाइनेंशियल सेक्टर को मजबूती देने, मत्सय और डेयरी सेक्टर को विकसित करने, एनर्जी मिनरल और सीमेंट के तीन नये रेलवे कॉरिडोर बनाये जाने की योजना का हम स्वागत करते हैं. टूरिज्म और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढावा देने के साथ ही अनुसंधान के क्षेत्र में आसानी बैंक लोन उपलब्ध कराना बेहतर परिणाम देगा.
उपाध्यक्ष राहुल साबू ने कहा कि झारखंड राज्य को इंफ्रा के क्षेत्र में स्पेशल एलोकेशन करना चाहिए था. 40 फीसदी मिनरल रिसोर्स इसी प्रदेश में है किंतु माईस मिनरल पर आधारित उद्योगों के रिवाइवल के लिए सरकार ने अपनी कोई मंशा नहीं दिखाई है. प्रदेश में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं हैं किंतु बजट के माध्यम से सरकार ने प्रदेश को कुछ विषेश नहीं दिया है. इससे थोडी निराशा हुई है लेकिन उम्मीद है आगामी बजट में इसपर ध्यान दिया जायेगा.
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