Giridih: मध्यम, सूक्ष्म और लघु उद्योग मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को गिरिडीह के पपरावाटांड स्थित न्यू समाहरणालय में पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यशाला में आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी, जनसंपर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा और एमएसएमई के सहायक निदेशक सूजीत कुमार, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक जगरन्नाथ दास ने दीप जलाकर किया. इस दौरान कार्यशाला में पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़े कई कारीगर नाई, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, मालाकार समेत 16 श्रेणी के कारीगर शामिल हुए.
वहीं कार्यशाला को लेकर आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में है. 16 श्रेणी के कारीगरों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए इस योजना की शुरुआत हुई. इधर कार्यशाला के दौरान एमएसएमई के सहायक निदेशक सूजीत कुमार ने कहा कि योजना के अर्न्तंगत चिन्हित कारीगरों को जोड़कर उन्हें उनके पांरपरिक कलाओं का प्रशिक्षण दिया जाना है. और हर दिन 500 रुपये के दर से स्टाईपैड का भुगतान किया जाएगा. जबकि हर कारीगरों को उनके पांरपरिक पेशे से जुड़े उपकरण के क्रय का भुगतान 15 हजार ई-वाउचर के माध्यम से किया जाएगा. सहायक निदेशक ने जानकारी देते बताया कि पहले चरण में 1 लाख का कर्ज कारीगरों को दिया जाना है. वहीं दुसरे चरण में दो लाख का कर्ज दिया जाना है. ऐसे में योजना का लाभ लेने वाले कारीगरों को अपनी योग्यता के अनुसार निबंधन कराना है. इधर कार्यशाला में दो सौ से अधिक प्रतिभागीयों के साथ एमएसएमई के राकेश कुमार, एस. के झा और श्रमायुक्त रविशंकर समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे.
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