UGC-NET मामले में CBI ने FIR दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार CBI UGC-NET परीक्षा का पेपर लीक कहां से हुआ और इसके पीछे कौन-कौन से लोग शामिल हैं, इसका पता लगा रही है. सूत्रों के अनुसार अभी तक इस मामले की जांच में जो पता चला है उससे ये तो साफ है कि परीक्षा के प्रश्न पत्र सोमवार को ही लीक हो गए थे. बाद में इन प्रश्न पत्रों को एन्क्रिप्टेड रूप में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बिक्री के लिए डाल दिए गए थे.
पेपर लीक कहां से हुआ इसका सोर्स का पता ना चल सके इसके लिए इन प्रश्नपत्रों को जानबूझकर डार्क नेट पर डाल दिया गया था. इस मामले में CBI एनटीए और अन्य एजेंसियों से अधिक जानकारी मांगेगी.
बता दें कि यूजीसी नेट परीक्षा के प्रश्नपत्र सेट करने वाले और इन प्रश्नपत्रों को चेक करने वाले इवैल्यूएटर्स सभी जांच के दायरे में हैं. इसके अलावा प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग और प्रूफ रीडिंग की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों के पास थी, वो भी जांच के दायरे में आते हैं. जिन अधिकारियों को प्रश्नपत्र एग्जाम सेंटर तक पहुंचाना था उनकी भूमिका की भी जांच की जाएगी.
बता दें कि नेट की परीक्षा 18 जून को आयोजित की गई थी. परीक्षा होने के कुछ घंटों बाद ही परीक्षा को रद्द कर दिया गया. ऐसे में सभी छात्र बेहद नाखुश हैं. परीक्षा रद्द किए जाने के बारे में बात करते हुए शिक्षा मंत्रालय ने कहा यूजीसी को गृह8 मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की नेशनल साइबर क्राइम खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा से संबंधित कुछ सूचनाएं मिली थीं.
इन सूचनाओं से पता चलता है कि यूजीसी नेट प्योरिटी से समझौता किया गया है. इस वजह से जून 2024 में आयोजित की गई नेट की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. सरकार ने यह भी कहा कि जल्द ही नेट परीक्षा की नई तारीख का ऐलान किया जाएगा.
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