New Delhi: 1993 सीरियल ब्लास्ट के आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को अजमेर की टाडा कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. कोर्ट ने फैसले में कहा कि टुंडा के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं मिला है. 30 साल पुराने इस मामले में न्यायाधीश महावीर प्रसाद गुप्ता ने दो अन्य हमीदुद्दीन और इरफान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
वहीं मोहम्मद यूसुफ, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद निसरुद्दीन और मोहम्मद जहीरुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली थी. उधर, इस मामले में निसार अहमद और मोहम्मद तुफैल अभी फरार हैं.
अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी 6 दिसंबर 1993 को राजस्थान के कोटा सहित अलग-अलग जगह पर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में सीरियल बम ब्लास्ट कर देश में दहशत फैलाने का आरोप लगा था.
बता दें कि 5 और 6 दिसंबर, 1993 में कोटा, सूरत, कानपुर, सिकंदराबाद, मुंबई और लखनऊ की ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. सीबीआई ने इस मामले में टुंडा पर गंभीर आरोप लगाए थे. 2014 में टुंडा को नेपाल बॉर्डर से अरेस्ट किया गया था. 2023 से वह अजमेर की जेल में बंद है.
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