Breaking: हाइकोर्ट ने सुनाया फैसला- सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा में सीटेट पास या पड़ोसी राज्य से टेट परीक्षा पास अभ्यर्थी हो सकेंगे शामिल

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Ranchi : झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की ओर से दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया. हाइकोर्ट ने करीब 26001 पदों पर सहायक आचार्य की होनेवाली नियुक्ति परीक्षा में सीटेट पास अभ्यर्थी या झारखंड के पड़ोसी राज्य से टेट परीक्षा पास करनेवाले झारखंड के निवासी अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी है. कोर्ट ने कहा है कि अगर इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो जाती है तो उन्हें 3 साल में प्रथम प्रयास में ही झारखंड टेट ( जेटेट) परीक्षा पास करनी होगी. अगर झारखंड सरकार 3 साल में जेटेट परीक्षा आयोजित नहीं करती है तो अभ्यर्थियों पर यह शर्त लागू नहीं होगी. अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य परीक्षा की तैयारी के लिए तीन माह का समय दिया जायेगा. कोर्ट ने कहा सरकार हर साल जेटेट परीक्षा आयोजित करे. कोर्ट ने मामले को निष्पादित कर दिया. मामले की सुनवाई हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि चूंकी झारखंड में 8 वर्षों से राज्य सरकार ने जेटेट की परीक्षा नहीं ली है. कोर्ट ने कहा कि झारखंड निवासी वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने सीटेट परीक्षा पास की है या झारखंड के पड़ोसी राज्य से टेट परीक्षा पास की है, वे सहायक आचार्य परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. अगर ऐसे अभ्यर्थी चयनित हो जाते हैं और नियुक्त होते हैं तो उन्हें 3 वर्ष के भीतर पहले प्रयास में ही झारखंड सरकार द्वारा आयोजित जेटेट परीक्षा पास करनी होगी. अभ्यार्थियों को सहायक आचार्य परीक्षा में परीक्षा की तैयारी के लिए 3 माह का समय दिया जायेगा. यदि 3 साल में राज्य सरकार जेटेट परीक्षा नहीं लेती है तो अभ्यर्थियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होगी. कोर्ट के आदेश पारित किये जाने के क्रम में महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सरकार के उच्च अधिकारियों से दिशा निर्देश लिया, उसके बाद कोर्ट के आदेश पर अपनी सहमति जतायी.

क्या है मामला

प्रार्थी का कहना था कि झारखंड सरकार ने वर्ष 2016 के बाद टेट परीक्षा नहीं ली है, लेकिन राज्य में शिक्षक नियुक्ति परीक्षा शुरू हो गई है, इसके लिए आवेदन मंगाये जा रहे हैं. इसलिए शिक्षक नियुक्ति  में सीटेट पास अभ्यर्थियों को भी शामिल होने दिया जाये या झारखंड सरकार सीटेट परीक्षा का आयोजन कराये. प्रार्थी की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि 23 अगस्त 2010 के एनसीटीई की गाइड लाइन में प्रोविजन है कि अगर राज्य सरकार टेट परीक्षा नहीं लेती है तो दूसरे राज्य से टेट परीक्षा या केंद्र सरकार से सीटेट पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति में कंसीडर किया जायेगा. प्रार्थी की ओर से रोहित रंजन सिन्हा, विशाल कुमार ने पैरवी की. बता दें कि प्रार्थी ने राज्य सरकार को जेटेट परीक्षा शीघ्र लेने का आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया है. प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि बीते 7 वर्षों से झारखंड में जेटेट की परीक्षा आयोजित नहीं हो रही है. प्रार्थी ने प्रार्थना की है कि सीटेट को भी जेटेट की तरह झारखंड में मान्यता दी जाये, क्योंकि राज्य सरकार जेटेट की परीक्षा कराने में पिछले 7 साल में असफल रही है. ऐसे में सीटेट पास अभ्यर्थियों की उम्र सीमा भी धीरे-धीरे खत्म हो रही है. याचिका में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार वर्ष 2016 के बाद से बिना जेटेट की परीक्षा लिये शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है जिससे करीब चार लाख अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने से से वंचित हो जायेंगे. यहां यह भी बता दें कि सूरज बिहारी मंडल एवं अन्य की ओर से भी सीटेट परीक्षा को लेकर हाइकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई है.

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