पश्चिम बंगाल के चुनावी इतिहास में पहली बार राजभवन में खुला ‘पीस रूम’

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Kolkata: अगले महीने होने वाले पंचायत चुनाव से पहले लगातार तेज होने वाली हिंसा को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन में एक ‘पीस रूम’ यानी ‘शांति कक्ष’ की स्थापना की है. राज्य के चुनावी इतिहास में यह अपनी किस्म का पहला मामला है. कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के हिंसाग्रस्त भांगड़ और कैनिंग इलाकों के दौरे के बाद राज्यपाल ने इसका एलान किया. राजभवन की ओर से जारी एक अधिसूचना में इसकी जानकारी दी गई है.
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राजभवन की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि चुनाव से पहले जारी हिंसा और आतंक की कई शिकायतों को ध्यान में रखते हुए ‘पीस रूम’ खोलने का फैसला किया गया है. लोगों की शिकायतों के लिए एक ईमेल आईडी और चौबीसो घंटे चालू रहने वाली एक हेल्पलाइन नंबर (033-22001641) भी जारी किया गया है.इन पर मिलने वाली शिकायतों को राज्यपाल जरूरी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार और चुनाव आयोग को भेज देंगे.

राज्यपाल बोस ने इससे पहले शनिवार को राज्य के चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को राजभवन बुलाया था. लेकिन वे नामांकन पत्रों की जांच में व्यस्त होने का हवाला देकर नहीं आए. राज्यपाल ने शनिवार को कैनिंग इलाके के दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि इस बार चुनाव में किसी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसमें शामिल लोगों से खिलाफ कड़ाई से निपटा जाएगा. उनका कहना था, “लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.”

राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि राज्यपाल के इस फैसले से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ उनके संबंधों की कड़वाहट और बढ़ने का अंदेशा है. तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी ने कहा है कि राज्यपाल सिर्फ विपक्षी पार्टी के लोगों की मौत वाले इलाकों का ही दौरा करते हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डायमंड हार्बर की रैली में कहा था कि अगर राज्यपाल तृणमूल कांग्रेस के मृत कार्यकर्ता के घर जाते तो मुझे और खुशी होती.

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