अग्निबाण रॉकेट की लॉन्चिंग सफल, चेन्नई की कंपनी ने रचा इतिहास

PTI, New Delhi: अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने सफलतापूर्वक 30 मई को अपने पहले रॉकेट की उड़ान का परीक्षण किया. हालांकि ये परीक्षण लॉन्च पहले मंगलवार को निर्धारित थी, लेकिन लेकिन कुछ तकनीकी कारणों सो लॉन्चिंग को 2 बार टाल दिया गया. निजी कंपनियों और अंतरिक्ष विभाग के बीच ब्रिज का काम करने वाले इनस्पेस ने कंपनी की तरफ से यह जानकारी साझा की और बताया कि अग्निकुल के रॉकेट का सफलतापूर्वक गुरुवार को परीक्षण किया गया. इसरो ने सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी दी कि श्री हरिकोटा में निजी कंपनी के निजी लॉन्च पैड़ से उड़ान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया.

इसरो ने अग्निकुल की इस टेस्ट फ्लाइट अग्निबाण सॉर्टेड 01 मिशन की सफलता को स्पेस सेक्टर में मील का पत्थर बताया गया है. बता दें कि इससे पहले रॉकेट का परीक्षण उड़ान मंगलवार को किया जाना था, लेकिन उसे टाल दिया गया. लॉन्चिंग से कुछ देर पहले ही रॉकेट के परीक्षण उड़ान को टाल दिया गया. बता दें कि पिछले तीन महीनों में चौथी बार देश के दूसरे प्राइवेट रॉकेट की लॉन्चिंग को रद्द किया गया है. रॉकेट का प्रक्षेपण मंगलवार सुबह 5.45 बजे के लिए निर्धारित था.

दरअसल मंगलवार की सुबह परीक्षण का टेस्ट किया जाना था. सुबह के वक्त 9.25 बजे इसका परीक्षण करना था, लेकिन उड़ान भरने से केवल 5 सेकेंड पहले ही इस प्रक्षेपण को होल्ड पर रखा दिया गया और फिर प्रक्षेपण को रद्द कर दिया गया. बता दें कि अग्निकुल कॉसमॉस का अग्निबाण रॉकेट दो चरणों वाला रॉकेट है. यह रॉकेट 700 किमी की ऊचाई और 300 किग्रा तक का पेलोड को ले जाने में सक्षम है. बता दें कि इससे पहले साल 2022 में स्काईरूट कंपनी ने भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट को इसरो के प्रक्षेपण स्थल से लॉन्च किया था.

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