Ranchi: झारखण्ड के मुख्य सचिव एल खियांग्ते अयोध्या में श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा और ईडी की सीएम से पूछताछ से पहले लॉ एंड ऑर्डर को लेकर जिले भर के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. गुरुवार को होने वाले इस बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त, आईजी, डीआईजी, डीसी, एसएसपी ओर एसपी शामिल रहेंगे. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली इस बैठक में राज्य के लॉ एंड आर्डर से सम्बंधित समीक्षा की जायेगी. बता दें कि इडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर अपना बयान दर्ज कराने के लिए पांच दिनों (16-20 जनवरी) का समय दिया है. 20 जनवरी को पूछताछ के लिए सीएम ने समय दिया है. ईडी ने पत्र में लिखा है कि इससे पहले आपको पत्र समन का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में निदेशालय इसका अनुपालन कराने के लिए बाध्य होगा और आपका बयान दर्ज करने के लिए खुद ही आपके पास पहुंचेगा. ऐसी स्थिति में विधि व्यवस्था बनाये रखना आपकी जिम्मदारी है. इसलिए अपने ही स्तर से राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए उचित निर्देश दें.
झामुमो प्रवक्ता ने ईडी की कार्रवाई पर रोष जताते हुए कहा कि इससे राज्य की जनता में है आक्रोश
बीते मंगलवार को झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने ईडी की कार्रवाई पर रोष जताते हुए कहा कि इससे राज्य की जनता में आक्रोश है. ईडी ने अगर चेतावनी को समझने में देर की तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं उन्होंने ईडी की कार्रवाई पर सवाल भी उठाए. झामुमो ने ईडी की कार्रवाई को एक बार फिर राजनीति से प्रेरित करार दिया है. ईडी की कार्रवाई सार्वजनिक होने पर भी उन्होंने आपत्ति जताई. कहा कि राज्य सरकार को परेशान किया जा रहा है. ईडी राज्य में भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है. पिछले वर्ष 14 अगस्त को पहला समन किया गया. उन्हें पता होगा कि इस दिन मुख्यमंत्री कितने व्यस्त रहते हैं. ईडी छापेमारी करती है, लेकिन यह नहीं बताती कि किसके यहां से क्या बरामद हुआ है. ईडी के साथ राजनीतिक लड़ाई लड़ने पर विवश किया जा रहा है. जैसा छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किया गया, वैसा ही झारखंड में किया जा रहा है. राज्य सरकार ने कैबिनेट में निर्णय लेकर कहा है कि आप पूरे तथ्य के साथ आइए, हम पूरा सहयोग करेंगे. नया वर्ष आरंभ होने के साथ ही फिर से शुरूआत की गई है. इतने दिनों से ईडी ने कई लोगों को पकड़ कर रखा है. उसमें राजनीतिक लोग भी हैं. ईडी को बताना चाहिए कि किसके पास से क्या मिला. ईडी को यह भी बताना चाहिए कि उसकी सूचनाएं सार्वजनिक कैसे हो रही है.
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