आईआईटी-आईएसएम के द्वारा जामताड़ा के किसानों को खेती की नई तकनीक की दी गई जानकारी

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Dhanbad: आईआईटी-आईएसएम धनबाद के द्वारा जामताड़ा के सुदूर गांवों में स्थित किसानों की आर्थिक सुधार के लिए के लिए 15 महीने से अधिक समय से काम कर रही है. इसी क्रम में शुक्रवार को जामताड़ा के गोपालपुर गांव में आईआईटी-आईएसएम के संकाय सदस्यों ने गांव के किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का नेतृत्व संस्थान के मैनेजमेंट विभाग की प्रोफेसर रश्मि सिंह ने किया. जिसमें प्रोफेसर बीके अग्रवाल मृदा विशेषज्ञ के अलावा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र और प्रोफेसर एमके बरनवाल विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित हैं. उन्होंने इस दौरान मिट्टी की गुणवत्ता और बनावट, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पौधों की बीमारियों आदि के बारे में जानकारी दी. उन्होंने फसलों की उपज, बीज की गुणवत्ता में सुधार के लिए उर्वरकों के उपयोग के बारे में भी मार्गदर्शन किया.
प्रोफेसर रश्मी सिंह ने कहा 27 अक्टूबर को गांव की अपनी पिछली यात्रा के दौरान हमने देखा कि सिंचाई की सुविधाएं थीं, इस तथ्य के बावजूद कि गांव के मध्य से अजय नदी बहती है, गांव में लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया है. प्रोफेसर सिंह ने कहा और कहा कि आज प्रशिक्षण के दौरान वे ग्रामीणों को इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं. ऐसी फसलें जो कम पानी की आवश्यकता और ड्रिप सिंचाई पद्धति से भी उगाई जा सकती हैं जिसमें पानी की भी कम आवश्यकता होती है.
गोपालपुर के मुखिया सूरज हेम्ब्रम ने कहा प्रशिक्षण से गांव के किसानों को काफी मदद मिली. उन्होंने मिट्टी की गुणवत्ता, बनावट, बीज की गुणवत्ता आदि के अलावा मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में भी जाना. जिसका उपयोग मृदा स्वास्थ्य कार्ड आदि की वर्तमान स्थिति निर्धारित करने के लिए किया जाता है. पिछले साल शुरू हुई परियोजना के हिस्से के रूप में आईआईटी (आईएसएम) ने कई कार्यशालाओं का आयोजन किया.
इस कार्यक्रम में प्रो नीलाद्रि दास, सुमिता, आशा, कल्याणी, रौशन, आशा हेम्ब्रोम, वीरेंद्र किस्कू, शाहनवाज, प्रितिया सहित अन्य लोग मौजूद थे.

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