Bengaluru: कर्नाटक के चित्रदुर्ग में गुरुवार की रात को एक घर से पांच लोगों का कंकाल मिला. मरने वालों की पहचान 80 वर्षीय जगन्नाथ रेड्डी, उनकी पत्नी पेमक्का और उनके तीन बच्चे त्रिवेनी, कृष्णा और नरेंद्र के तौर हुई है. मुख्य द्वार से घर के भीतर प्रवेश करते ही चार कंकाल मिले, उनमें से दो बिस्तर पर थे और दो जमीन पर पड़े मिले. पांचवा कंकाल दूसरे कमरे के जमीन पर पड़ा मिला. मौके पर हुई छानबीन के बाद पुलिस अधिकारी ने बताया कि छानबीन के बाद घर के दस्तावेज बरामद हुए, जिससे पता चलता है कि यह घर जगन्नाथ रेड्डी का था.
विभिन्न बिंदुओं पर जांच में जुटी पुलिस
पुलिस अंदाजा लगा रही है कि उनकी मौत 2019 के करीब हुई होगी. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुट चुकी है. इस मामले में यह सवाल उठ रहा है कि बिना किसी को पता उनकी मौत कैसे हो गई. साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इतने साल होने के बाद भी पड़ोसियों को इस घटना की भनक भी नहीं पड़ी. फिलहाल उनके मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच से मालूम चला है कि शव लगभग पांच साल तक घर के अंदर थे. इस घटना की जानकारी एक व्यक्ति ने दी जो खाली पड़े इमारत को देखने गया था और तभी उसकी नजर एक कंकाल पर पड़ी. उसने तुरंत एक पत्रकार को इसके बारे में बताया.
क्या कहना है पुलिस अधिकारियों का
चित्रदुर्ग के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार मीना ने कहा, गुरुवार की रात करीब नौ बजे एक पत्रकार ने हमें इस घटना की सूचना दी. हमारे अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे, उन्होंने देखा कि घर का मुख्य द्वार टूटा हुआ था. इसके बाद फॉरेंसिक विशेषज्ञों और अपराध जांच विभाग को बुलाया गया.
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