कालेश्वरम परियोजना आर्थिक रूप से कमजोर : सीएजी

1 min read

New Delhi: तेलंगाना की कालेश्वरम परियोजना पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने एक निराशाजनक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि यह परियोजना शुरू से ही आर्थिक रूप से कमजोर है. रिपोर्ट में भारी लागत वृद्धि, ठेकेदारों को मिलने वाले संभावित अनुचित लाभ और इसमें शामिल खराब योजना का विवरण दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- 

सीएजी ने गुरुवार को कहा कि कमलेश्वरम सिंचाई परियोजना की लागत में 1.47 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का वित्तीय बोझ पड़ेगा. जबकि केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने अनुमान लगाया है कि कालेश्वरम परियोजना की लागत 81,911 करोड़ रुपये है.

पिछली बीआरएस सरकार की प्रमुख परियोजना, कालेश्वरम के ऑडिट पर सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई थी. सीएजी ने यह भी पाया कि यह परियोजना शुरू से ही आर्थिक रूप से सही नहीं थी. पिछले साल मेदिगड्डा बैराज के कुछ घाटों के “डूबने” के बाद से कालेश्वरम परियोजना विवादों में घिर गई है.

नेशनल डेम सेफ्टी अथॉरिटी ने नवंबर में पाया कि मेडीगड्डा बैराज को गंभीर रूप से नुकसान हुआ है और जब तक इसे पूरी तरह से नहीं बनाया जाता, तब तक यह सही नहीं हो सकता. पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनावों में बीआरएस की हार का एक बड़ा कारण बैराज को हुए नुकसान को माना जा रहा है.

कालेश्वरम परियोजना तत्कालीन अविभाजित आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा तैयार की गई डॉ. बी आर अंबेडकर प्राणहिता-चेवेल्ला सुजला श्रवणथी लिफ्ट सिंचाई योजना (पीसीएसएस परियोजना) की एक शाखा है. सीएजी रिपोर्ट की एग्जीक्यूटिव समरी में कहा गया है कि तेलंगाना सरकार ने पूरी परियोजना के लिए प्रशासनिक मंजूरी नहीं दी और इसके बजाय उसने अलग-अलग मंजूरी जारी की है.

कुल मिलाकर 1,10,248.48 करोड़ रुपये की 73 प्रशासनिक मंजूरी दी गई, प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग पैटर्न के बारे में सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं दिया गया.

इसे भी पढ़ें- 

 

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours