New Delhi: आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को नई दिल्ली में बैठक के बाद तय किया कि 2024-25 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 340 रुपये प्रति क्विंटल होगा. इस साल के लिए चीनी की रिकवरी दर 10.25 फ़ीसदी होगी. केंद्र सरकार ने वर्तमान समय में जो गन्ने का एफ़आरपी है, उसमें 8 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा किया है.नई एफ़आरपी एक अक्टूबर, 2024 से लागू होगी.
बुधवार शाम को पत्रकारों को इस फ़ैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार ने हमेशा किसानों के मुद्दों को महत्व दिया है और भारत में गन्ना किसानों को अन्य देशों की तुलना में उनकी फसल पर सबसे ज़्यादा दाम मिलता है. ये नई एफ़आरपी गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करेगी.”
उन्होंने कहा, “रिकवरी में हर 0.1% की वृद्धि के साथ किसानों को 3.32 रुपये की अतिरिक्त क़ीमत मिलेगी. वहीं रिकवरी में 0.1% की कमी पर इतने रुपये काट लिये जाएंगे. हालांकि 315.10 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम कीमत है जो मिलेगी ही और न्यूनतम रिकवरी रेट 9.5 फ़ीसदी है.”
केंद्र सरकार का ये फ़ैसला ऐसे समय आया है जब किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य को क़ानूनी गारंटी बनाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का ‘दिल्ली चलो मार्च’ अभी पंजाब-हरियाणा की सीमा पर है. एक युवक की इस प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई है और पंजाब पुलिस ने इस मौत की पुष्टि की है.
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