Ranchi: हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचईसी) के कर्मियों ने शनिवार को रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मियों ने वेतन मांग समेत केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की. रैली एचईसी बचाओ मजदूर जन संघर्ष समिति की ओर से निकाली गयी. 17 जनवरी से एचईसी के अधिकारी और कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जहां कर्मियों की मांग है कि कर्मचारियों का 18 महीने और अफसरों का 20 महीने से बकाया वेतन भुगतान किया जाए. बकाया वेतन की मांग को लेकर अभी सात श्रमिक संगठन एक मंच पर आकर कंपनी के खिलाफ आंदेालन कर रहे हैं. इसके पहले 17 जनवरी को एचईसी कर्मियों और अधिकारियों ने तालाबंदी की. ऐसे में पिछले तीन दिनों से एचईसी कर्मियों का हड़ताल जारी है. सातों श्रमिक संगठनों ने एचईसी बचाओ मजदूर जन संघर्ष समिति का गठन किया है. इसी समिति के बैनर तले आंदोलन जारी है. इसकी जानकारी देते हुए मनोज पाठक ने कहा कि जबतक बकाया वेतन का भुगतान नहीं होता, तबतक यह आंदोलन जारी रहेगा. किसी को मुख्यालय और प्लांट के अंदर अब जाने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एचईसी जैसे उपक्रम के लिये गंभीर नहीं है. जबकि एचईसी के पास अभी भी वर्क ऑर्डर की कमी नहीं है. सरकार इस हद तक संवदेनहीन है कि मजदूरों का वेतन तक भुगतान नहीं कर रही है. जबकि मजदूरों की स्थिति दयनीय होते जा रही है.
एचईसी में अभी करीब 1100 स्थायी और 1500 अस्थायी कर्मचारी हैं. कुल संख्या 2600 है. जिनकों किसी भी तरह का भुगतान अब कंपनी प्रबंधन द्वारा नहीं किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ अस्थायी मजदूरों का एग्रिमेंट भी अधर पर लटका हुआ है. प्रबंधन द्वारा स्पष्ट पक्ष नहीं रखने की वजह से श्रमिक संगठनों ने एक मंच पर आकर आंदोलन शुरू किया. इस आंदोलन में बीएमएस के समर्थक बाहर से समर्थन कर रहे हैं. अभी एक मंच पर हटिया मजदूर कामगार यूनियन, हटिया मजदूर यूनियन, हटिया लोक मंच, एचईसी श्रमिक संघर्ष यूनियन, हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन और एचईसी ऑफिसर्स एसोसिएशन शामिल हैं.
आइएनडीआइए और जन संगठनों को साथ आना होगा: भाकपा
एचईसी कर्मियों के आंदोलन को समर्थन देते हुए भाकपा राज्य सचिव प्रकाश विल्पव ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र विरोधी नीतियों और कार्यशील पूंजी व आधुनिकीकरण के अभाव में एचईसी को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. एचईसी के पास कार्यादेश का अभाव नहीं है. उत्पादन बढ़ाने के लिए आर्थिक संकट के बावजूद एचईसी ने हाल ही में इसरो के लिए चंद्रयान 3 का लांचिंग पैड तैयार किया और आदित्य एल 1 के प्रक्षेपण में भी योगदान दिया है. कार्यादेश मिलने के बावजूद प्लांट का आधुनिकीकरण नहीं होने, किसी भी बैंक का कोई बकाया न होने के बावजूद बैंक गारंटी बंद होने और कार्यशील पूंजी के अभाव में एचईसी कार्यादेश को पूरा करने में असमर्थ है. प्रकाश ने कहा कि एचईसी के अधिकारियों समेत श्रमिकों को 19 माह से वेतन नहीं मिला है. जिससे मजदूरों और उनके परिवारों के सामने विकट स्थिति पैदा हो गई है. एचईसी को बचाने की लड़ाई लड़ रहे मजदूरों और अधिकारियों के पक्ष में जोरदार तरीके से खड़े होकर इसे एक जन आंदोलन में तब्दील करना होगा. उन्होंने माकपा आइएनडीआइए गठबंधन के सभी राजनीतिक दलो से अपील की है कि एचईसी को बचाने के लिये एकजुट होकर आंदोलन को उग्र करें.
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