Ranchi : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने प्रहार किया है. सोमवार को उन्होंने जानना चाहा कि बाबूलाल मरांडी आखिर बेचैन क्यों हैं? ऐसा लग रहा है कि वे सत्ता में नहीं रहने की बौखलाहट में अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं. वे किस आधार पर ईडी की कार्रवाई नहीं होने पर कानून पर से विश्वास उठने की बात कर रहे हैं? झारखंड मुक्ति मोर्चा को भारतीय संविधान पर पूरा विश्वास और भरोसा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जब राजनीतिक कारणों से प्रताड़ित करने की कोशिश की गई तो वे कानून की शरण में गए. अब उसी मुताबिक फैसले पर वे आगे बढ़ेंगे, लेकिन बाबूलाल मरांडी जैसे नेता अब जबरदस्ती केंद्रीय एजेंसियों पर दबाव बनाने में लगे हैं.
विनोद पांडेय ने कहा कि यह बाबूलाल मरांडी की हताशा को दर्शाता है. झारखंड में भाजपा जब जनता की अदालत में बूरी तरह हार गई तो हथकंडे अपनाकर सत्ता में वापसी का सपना देख रही है. जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है, वहां के नेता बेचैन हैं. ऐसे राज्यों में सरकार को अस्थिर करने के लिए सारे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. जिस तरह से भाजपा की जमीन खिसक रही है, अगले चुनाव में उसका सूपड़ा साफ हो जाएगा.भाजपा और आरएसएस झूठ को सौ बार बोलकर सच में बदलने की कोशिश करती है. इसी सोच के तहत बार-बार भाजपा अलग झारखंड राज्य का श्रेय लेती है. पूरी दुनिया जानती है कि यह राज्य झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख दिशोम गुरु शिबू सोरेन के लंबे संघर्ष और सैकड़ों शहीदों की देन है. अलग राज्य के लंबे संघर्ष के कारण तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसकी स्वीकृति दी. भाजपा खुद अपना पीठ थपथपाना छोड़े.
हेमंत की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा बेचैन
विनोद पाण्डेय के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा की जमीन खिसक गई है. अगले चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा. भाजपा को एक आदिवासी मुख्यमंत्री पच नहीं रहा है. भाजपा के शासनकाल में झारखंड पीछे चला गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड तेजी से आगे बढ़ रहा है.
गौरतलब है कि सोमवार को बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाते कहा था कि राज्य में विधि व्यवस्था चौपट है. खुद सीएम भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं. इडी के पांच बार समन पर भी उसके पास नहीं जा रहे हैं.
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