चक्रधरपुर की खबरें: वनपालों को दी गई कानून की जानकारी, जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा, उर्दू अदब का आखिरी चिराग जो बुझ गया

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Chakradharpur: जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम के सचिव राजीव कुमार सिंह ने वनपाल प्रशिक्षण केंद्र चाईबासा में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे, इस दौरान उन्होने उपस्थित वनपालों को विभिन्न वन व अन्य सामान्य कानूनाे की जानकारी प्रदान किया, इस दौरान प्रशिक्षणार्थियों के द्वारा पूछे गए सवालों का भी उन्होंने उत्तर दिया. गौरतलब है कि 100 दिन विधिक जागरूकता सह आउटरीच कार्यक्रम के आलोक में उन्होंने विधिक जानकारी प्रदान की. कार्यक्रम का आयोजन वन विभाग के द्वारा किया गया था.

जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के तत्वावधान में चलंत लोक अदालत वाहन के माध्यम से तांत नगर प्रखंड कार्यालय के समीप व्यापक विधिक प्रचार प्रसार किया गया तथा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई, कार्यक्रम के सफल संचालन में पीएलवी रेणु देवी और रविकांत ठाकुर ने प्रमुख भूमिका निभाई.

जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

सदर चाईबासा अनुमंडल पदाधिकारी शशीन्द्र कुमार बड़ाईक के द्वारा जानकारी दी गयी है कि जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी(पंचायत)-सह-जिला पंचायत राज पदाधिकारी के माध्यम से सूचित किया गया है, आगामी 3 नवंबर 2023 को पूर्वाह्न 11:00 बजे से समाहरणालय सभा कक्ष- चाईबासा में जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष- पश्चिम सिंहभूम के विरुद्ध प्राप्त अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित चर्चा एवं मतदान हेतु कार्यक्रम निर्धारित है तथा कार्यक्रम में अवांछनीय तत्वों द्वारा शांति एवं विधि-व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जा सकता है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि उपर्युक्त वर्णित तथ्यों से संतुष्ट होकर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के आलोक में पश्चिमी सिंहभूम समाहरणालय कार्यालय के 500 गज की परिधि में उक्त निर्धारित तिथि को पूर्वाह्न 8:00 बजे से कार्यक्रम प्रक्रिया समाप्ति तक निषेधाज्ञा लागू रहेगा और यह आदेश उक्त कार्यक्रम के पूर्णरूपेण संपन्न होने तक प्रभावी होगा। उन्होंने बताया कि इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर भारतीय दंड विधान की धारा 188 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

तौहीद मैकश: उर्दू अदब का आखिरी चिराग जो बुझ गया

उर्दू साहित्य को जिंदा रखने वाले चक्रधरपुर निवासी कवि तौहीद मैकश का देहांत हो गया. उन्होंने भरपूर 94 साल की जिंदगी जिया. 5 सितंबर 1931 को जन्म लेने वाले तौहीद मैकश चक्रधरपुर रेलवे में 30 सितंबर 1989 तक सेवा दिए. चीफ यार्ड मास्टर के पद पर रहते हुए वह सेवानिवृत्त हुए. नौकरी में रहते हुए फिर रिटायरमेंट के बाद 34 सालों तक वह उर्दू अदब की सेवा करते रहे. इस दौरान उन्होंने उर्दू कविताओं के पांच संग्रह का प्रकाशन किया. उनकी कविताओं की पहली किताब कहकशां कहकशां थी. इसके बाद अजमे जवां, रक्से गिरदाब, खाबे रंगीन और रिफ्फत ए परवाज जैसी किताबों का प्रकाशन किया. उनकी अंतिम किताब रिफ्फत ए परवाज छप कर तैयार है, जिसका इजरा (उदघाटन) होना बाकी है. चक्रधरपुर में तौहीद मैकश जैसा कोई दूसरा उर्दू साहित्यकार अब तक नहीं गुजरा है. उर्दू भाषा की खिदमत के साथ-साथ उन्होंने समाज की सेवा में भी कोई कमी नहीं छोड़ा था. उर्दू मिडिल स्कूल ट्रस्टी में करीब 25 सदस्य थे, जिनके वह अध्यक्ष रहे. अहले हदीस छोटी मस्जिद के संस्थापक और पूर्व सचिव रहे थे. चक्रधरपुर में उर्दू लाइब्रेरी की स्थापना बासित अंसारी, नैयर आजम, नईम आगाज, कमरुल होदा आदि के साथ मिलकर किए थे. चक्रधरपुर शहर के लिए एवं उर्दू साहित्य के लिए उनके योगदान को कभी फरामोश नहीं किया जा सकता. हम कह सकते हैं कि वह चक्रधरपुर में उर्दू अदब के इकलौते शायर थे. उनके देहांत के बाद उर्दू अदब को अब रौशनी देने वाला उनके जैसा कोई अदीब नहीं बचा है. गुरुवार को मगरिब नमाज के बाद पुरानी बस्ती कब्रिस्तान में उन्हें दफन किया गया. उनके जनाजे में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और सबों को इस बात का मलाल था कि अब चक्रधरपुर में उर्दू साहित्य की रक्षा करने वाला कोई नहीं रह गया है. उनके चार पुत्र और चार पुत्रियां हैं, सभी वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं. परिवार नाती नातिनी, पोता पोती से भरा पूरा है.

राज्य स्तरीय कला उत्सव में आकांशा नायक ने जीता बालिका वर्ग में कांस्य पदक

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, भारत सरकार एवं शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा को पहचानने एवं उनके विकास करने व शिक्षा में कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय कला उत्सव झारखंड शैक्षणिक अनुसंधान परिषद, रातु रांची में आयोजित हुआ. जिसमें राज्य के सभी जिलों में आयोजित हुए उक्त प्रतियोगिता के विजेताओं ने भाग लिया। पश्चिमी सिंहभूम जिला के बालिका वर्ग का प्रतिनिधित्व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय चक्रधरपुर की छात्रा आकांक्षा नायक ने की इस प्रतियोगिता में विद्यालय की छात्रा आकांशा नायक ने मां दुर्गा के नौ रुपों पर आधारित बेहतरीन लोक नृत्य का प्रस्तुति देकर बालिका वर्ग मे तृतीय स्थान प्राप्त कर कांस्य पदक अर्जित किया.

फुटबॉल प्रतियोगिता में रोहन एफसी ने नंदलाल एफसी को हराकर ट्रॉफी पर किया कब्जा

चक्रधरपुर प्रखंड के जामिद गांव में झारखंड युवा संगठन के तत्वाधान में दो दिवसीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि समाजसेवी ड़ॉ विजय सिंह गागराई एवं विशिष्ट अतिथि मुखिया कुंती सरदार थी .गुरुवार को फाइनल मुकाबला नंदलाल एफसी और रोहन एफसी के बीच खेला गया. निर्धारित समय तक दोनों टीमें एक भी गोल नहीं कर सकी. जिसके बाद पेनाल्टी शूटआउट में रोहन एफसी ने एक गोल से मात देकर खिताब अपने नाम किया. नंदलाल एफसी की टीम उपविजेता,तीसरा स्थान शिव शक्ति पुटसाई एवं चौथा स्थान बुरू हो बादल एफसी रही. प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पाने वाली टीम को नगद 75 हजार रुपए और द्वितीय पुरस्कार पाने वाले टीम को 40 हजार,तीसरा पुरुस्कार 20 हजार रुपए देकर ड़ॉ विजय सिंह गागराई ने सम्मानित किया गया. मौके पर उन्होंने कहा कि कोल्हान में बहुत अच्छे-अच्छे फुटबॉल खिलाड़ी भी हैं. उन सभी खिलाड़ियों को हर संभव मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा यह प्रतियोगिता बहुत ही भव्य तरीके से आयोजित किया गया . यहां पर पश्चिम सिंहभूम जिला के अलावे सरायकेला खरसावां तथा टाटा के फुटबॉल टीम के टीमों ने हिस्सा लिया है. सभी खिलाड़ी खेल की भावना को भावना से खेल को खेला .और विजेता बने .हम आशा करते है इस तरफ खिलाड़ी खेल में अच्छा प्रदर्शन कर अपना भविष्य बनाएं. प्रतियोगिता को सफल बनाने में आयोजन समिति के राजेश महतो, संजय महतो, सुदेश महतो, शैलेश महतो, सहदेव महतो, मनीष महतो, चितरंजन महतो, मुन्ना, रितून,रिंकू,अजय,नंदलाल,अभिमनयु, उमाशंकर,भुवनेश्वर, दिनेश समेत काफी संख्या में ग्रामीण एवं खेल प्रेमी मौजूद थे.

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