Mumbai: नेशनल कांग्रेस पार्टी को चुनाव आयोग ने अजित पवार की पार्टी माना है. अब शरद पवार गुट के सामने अस्तित्व बचाए रखने का संकट खड़ा हो गया है. शरद पवार को अपनी पार्टी के नए नाम और नए चुनाव चिह्न पर विचार करना होगा. चुनाव आयोग ने इस काम के लिए आज (बुधवार) शाम तक का समय दिया है. अगर समय रहते शरद पवार निर्वाचन आयोग के समक्ष नया नाम और चुनाव चिह्न नहीं सुझा पाए तो उनके विधायकों को निर्दलीय घोषित कर दिया जाएगा.
नेशनल कांग्रेस पार्टी पर शरद पावर और अजित पवार, दोनों ही अपना-अपना दावा ठोंक रहे थे. मंगलवार को चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लेते हुए अजित पवार के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि अजित पवार की अगुवाई वाली पार्टी ही असली नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी है. आयोग के इस फैसले के बाद अजित पवार एनसीपी पार्टी का नाम और चिह्न (घड़ी) दोनों का ही इस्तेमाल करने के हकदार हैं.
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अजित पवार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को सुझाव दिया है कि वे अपनी नई पार्टी के नाम के लिए आवेदन कर सकते हैं. सुझाव के तौर पर तीन नाम दिए जा सकते हैं, इनमें से किसी एक नाम पर चुनाव आयोग विचार कर सकता है.
हालांकि, शरद पवार खेमे ने निर्वाचन आयोग के इस फैसले पर नाराजगी प्रकट करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कही है. पार्टी नेता सुप्रिया सुले का कहना है कि सभी जानते हैं एनसीपी की स्थापना किसने की थी. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उनके साथ न्याय नहीं किया है, इसके लिए वे सर्वोच्च न्यायलय का दरवाजा खटखटाएंगे.
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