Nikhil Kumar
Ranchi: झारखंड सरकार ने छह रोड कॉरिडोर निर्माण के लिए काम करना तेजी से शुरू किया है. इन सभी का डीपीआर तैयार कराया जा रहा है, जमीन की उपलब्धता का आकलन किया जा रहा है. इनमें कॉरिडोर ऐसे हैं जो झारखंड को सभी ओर से जोड़ते हैं और आर्थिक गलियारा के रूप में काम करेगा. चारों कॉरिडोर के बनने से सामान्यता उस रूट में वर्तमान में जो दूरी लगता है वह काफी कम हो जायेगी. समय की काफी बचत होगी. लॉजिस्टिक खर्च घटेगा.
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ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर बनने से गढ़वा से दुमका जाने की दूरी 117 किमी कम हो जायेगी. वहीं, झारखंड ईर्स्टन कॉरिडोर बनने से साहेबगंज से चांडिल आने में 126 किमी की दूरी की बचत होगी. नार्थ-साउथ कॉरिडोर बनने से हजारीबाग के बिशुनग़ढ़ से चाईबासा आने में 79 किमी की दूरी कम तय करनी होगी तो वहीं, झारखंड सेंट्रल कॉरिडोर के निर्माण से रांची से डोभी जाने में 50 किमी का फासला कम होगा. वर्तमान में डोभी जाने के लिए जीटी रोड का उपयोग करते हैं, या फिर रांची से कुडू-बालुमाथ, चतरा-हंटरगंज-डोभी निकलते हैं लेकिन इस रूट से काफी लंबा समय लग जाता है, नये कॉरिडोर से 50 किमी दूरी सीधे घट जायेगी.
वहीं, दो कॉरिडोर को चिह्नित किया गया है, जो पर्यटन की दृष्टि से बेहतर होंगे. इनके बनने से पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा. पथ निर्माण विभाग ने इसके अलावा रांची से साहेबगंज तक के लिए भी 325 किमी एक्सप्रेस- वे निर्माण की योजना बनायी है, जिसका प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है.
कॉरिडोर निर्माण के लिए तैयार हो रहा डीपीआर
ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर: मुरीसेमर एनएच 75, नियर यूपी बॉर्डर- चतरा-बरही-बेंगाबाद-मधुपुर-सारठ-पालाजोरी-दुमका। इस कॉरिडोर के निर्माण से मुरीसेमर से दुमका आने-आने में 117.00 कमिी की बचत होगी एवं आवागमन बहुत ही सुगम हो जायेगा। यह कॉरिडोर लगभग ग्रीनफील्ड से गुजरेगी.
झारखंड ईर्स्टन कॉरिडोर: साहेबगंज-जामताड़ा- निरसा-सिंदरी-चंदनक्यारी-चांडिल= इस कॉरिडोर के निर्माण से साहेबगंज से चांडिल आने-जाने में 126.00 किमी की बचत होगी, आवागमन भी सुगम होगा.
नार्थ-साउथ कॉरिडोर: झुमरीतिलैया एनएच 31, बिशुनगढ़-पेटरवार-कसमार-बरलंगा-सिल्ली-रड़्रगांव-सरायकेला- चाईबासा. इस कॉरिडोर के निर्माण से झुमरीतिलैया से चाईबासा आने-जाने में 79 किमी की बचत होगी. आवगमन सुगम होगा. यह भी लगभग ग्रीनफील्ड होगा.
झारखंड सेंट्रल कॉरिडोर: रांची में कांठीटांड-ठाकुरगांव-बुढ़मू-टंडवा- चतरा-हंटरगंज-डोभी. इस कॉरिडोर के बनने से रांची झारखंड से डोभी बिहार आने-जाने में 50 किमी की बचत होगी. आवागमन सुगम होगा.
टूरिस्ट एक्स्रपेस-वे कॉरिडोर
मिलन चौक सिल्ली-रंगामाटी रोड- सरजमडीह- तमाड़-खूंटी-गोविंदपुर-सिसई- घाघरा-नेतरहाट-गारू-सरयू-लातेहार-हेरहंज-बालुमाथ- मैक्सुलस्कीगंज-चामा मोड़. इस कॉरिडोर के बनने से कई टूरिष्ट प्लेस को जोड़कर एक टूरिष्ट सर्किट का निर्माण किया जायेगा जिससे पर्यटकों को काफी सुविधा होगी एवं पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
बिरसा-लुंगुबुरू- पारसनाथ-बाबाधाम होली कॉरिडोर: यह रोड रांची-ओरमांझी-गोला- रजरप्पा- लुंगुपहाड़ी- पेंक, डुमरी-गिरिडीह-बुढई- देवघर रोड को जोड़ेगा। यह कॉरिडोर कई टूरिष्ट प्लेस को जोड़कर टूरिष्ट सर्किट के रूप में काम करेगा.
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