झारखंड में स्कॉय मार्शल आर्ट खेल के विकास के लिए बनी रणनीति, जिलों में खुलेंगे ट्रेनिंग सेंटर

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Ranchi: स्कॉय एसोसिएशन ऑफ झारखंड की वार्षिक आम सभा की बैठक प्रेस क्लब सभागार, रांची में सोमवार को संपन्न हुई. इसमें झारखंड में स्कॉय खेल के विकास को लेकर वृहद चर्चा हुई. बैठक से पूर्व स्कॉय फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव मो. अली एवं स्कॉय एसोसिएशन बिहार के महासचिव संजीव कुमार का स्वागत स्कॉय एसोसिएशन ऑफ झारखंड के अध्यक्ष डॉ. राजेश गुप्ता ने किया. वॉलीबॉल के अंतराष्ट्रीय कोच राजेश कुमार ने खेल के प्रचार-प्रसार से संबंधित दिशा निर्देश दिए. मो. अली ने खेल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्कॉय खेल कश्मीर का पारंपरिक खेल है. पूर्व में कश्मीर राजा महाराज स्कॉय को सेल्फ डिफेंस की विद्या के रूप में अपने सैनिकों के लिए अनिवार्य कर रखा था. वर्तमान में स्कॉय फेडरेशन ऑफ इंडिया के ग्रैंड मास्टर नजीर अहमद मीर इस खेल के विकास में लगे हैं. इसका नतीजा है कि बीते दिनों हुए 37वीं राष्ट्रीय खेलों में स्कॉय खेल को शामिल किया गया. झारखंड में इस खेल के सम्पूर्ण विकास के लिए तमाम नैसर्गिक संभावनाएं दिख रही हैं. बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने उम्मीद जताते कहा कि झारखंड में यह खेल बहुत लोकप्रियता पाएगा.

राजेश गुप्ता जी ने मौके पर कहा कि स्कॉय झारखंड के किए नया खेल है पर यह खेल सेल्फ डिफेंस के परिपेक्ष्य में भी बहुत उपयोगी है. हम सभी जिलों में अपने जिला संघों के माध्यम से इस खेल का विकास करने को कटिबद्ध हैं. आने वाले राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में झारखंड के पुरुष– महिला खिलाड़ी राज्य का प्रतिनिधत्व करेंगे. स्कॉय खेल के कई प्रशिक्षण सेंटर पूरे राज्य में जल्द से जल्द स्थापित करने की ओर हम सब अग्रसर हैं. बैठक में मुख्य रूप से संजीव कुमार, नीतीश सिंह, रफिया नाज, अभिषेक शुक्ला,  राकेश कुमार, अमरदीप आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.

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