New Delhi: लगभग चार महीने में करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा कर भारत का सौर मिशन आदित्य एल1 शनिवार को अपनी निर्धारित कक्षा लैंगरैंज प्वाइंट पर पहुंच गया है. ये सौर मिशन शनिवार दो सितम्बर को श्रीहरिकोटा से भारतीय समयानुसार सुबह 11.50 बजे अंतरिक्ष में रवाना हुआ था. जहां आदित्य एल1 को पहुंचा है उसकी दूरी पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर है. यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी की चार गुना है लेकिन सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी का बहुत मामूली, लगभग 1% ही है. पृथ्वी से सूर्य की दूरी 15.1 करोड़ किलोमीटर है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे बताया ऐतिहासिक पल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक पल बताया है. सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पीएम मोदी ने लिखा, “भारत का पहला सोलर ऑब्ज़र्वेटरी आदित्य-एल1 अपने लक्ष्य तक पहुंच गया है. यह दिखाता है कि कैसे हमारे वैज्ञानिकों के प्रयास मुश्किल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को हकीकत में बदल रहे हैं.” उन्होंने लिखा, “हम मानवता के हित के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे.”
India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it’s destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join the nation in applauding this…
— Narendra Modi (@narendramodi)
इसरो के पूर्व चेयरमैन जी माधवन नायर ने कहा कि ‘यह मिशन हमें सूर्य की सतह के अध्ययन में मदद करेगा. यह हमें भीषण सौर हवाओं के अनुमान में भी मदद करेगा.’
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