पलामू: नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का 15वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया

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Palamu: नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का 15वां स्थापना दिवस समारोह कौटिल्य भवन में मनाया गया. मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल के शैक्षणिक सलाहकार प्रो.(डा.) ई. बालागुरूसामी, विशिष्ट अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज टंडन, राज्यपाल के ओएसडी डा. संजीव राय उपस्थित थे. अध्यक्षता नीपी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डा.) तपन कुमार शांडिल्य ने की. अतिथियों का स्वागत सीसीडीसी एवं विज्ञान संकाय के डीन डा. एके पांडे ने किया.
समारोह में नीपी विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन किया गया. यह स्मारिका विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं प्रशासकीय गतिविधियों का लेखा जोखा प्रस्तुत करती है. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डा. आरके झा की पुस्तक का भी विमोचन किया गया. कुलसचिव डा. मृत्युंजय कुमार ने विश्वविद्याल के बीते 15वर्षों की उपलब्धियों एवं चुनौतियों पर अपनी रिपोर्ट पेश की. उन्होंने बताया कि 2009 में अपनी स्थापना के समय चार अंगीभूत तथा 9 संबद्धता प्राप्त महाविद्यालय से प्रारंभ करके 2024 तक 18 विश्वविद्यालय स्नातकोतर विभाग, 7 अंगीभूत महाविद्यालय, 6 स्थायी संबद्धता प्राप्त विश्वविद्यालय, 10 संबद्धता प्राप्त महाविद्यालय, 1 मेडिकल कॉलेज, 1 डेंटल कॉलेज, 12 बीएड कॉलेज, 1 लॉ कॉलेज, 7 सर्निंग महाविद्यालय, 2 फार्मेसी कॉलेज तक का सफर इस विश्वविद्यालय ने सफलतापूर्वक पूरा किया है.
कार्यक्रम में कई सेवानिवृत प्राध्यापकों डा. एससी मिश्रा, डा. आरपी सिंह, डा. अनिता सिन्हा, डा. कालिका प्रसाद सिंह, डा. चन्द्रेश्वर मेहता, डा. डीसी लाल अग्रवाल, डा. कामेश्वर सिंह, डा. एसएन उपाध्याय, डा. पुरूषोतम को सम्मानित किया गया. साथ ही कई सेवानिवृत शिक्षकेतर कर्मियों को भी सम्मानित किया गया.
एनएसएस के तहत उत्कृष्ट कार्य करने हेतू कार्यक्रम पदाधिकारी सहायक प्रध्यापिका जीएलए कॉलेज प्रो. लीना कुमारी, तथा सहायक प्रध्यापक एके सिंह कॉलेज जपला के प्रो. राजेश कुमार साथ-साथ एनएसएस के अन्य कर्मियों को भी सम्मानित किया गया.
झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता तथा भूतपूर्व एडिशनल एडवोकेड जनरल मनोज टंडन ने संबंधित करते हुए पलामू में विश्वविद्यालय द्वारा पूर्वतः पोषित लॉ कॉलेज की आवश्यकता पर अत्यधिक ध्यान दिया, ताकि पलामूवासियों के लिए कानून की शिक्षा सुलभ हो सके.
मौके पर राज्यपाल ओएसडी डा. संजीव राय ने व्यक्ति, समाज एवं देश के शिक्षण संस्थाआंे की महता एवं आवश्यकता तथा गुणवतापूर्ण शिक्षा की जरूरत पर प्रकाश डाला.
मुख्य अतिथि प्रो. डा. ई. बालागुरूसामी ने पिछले 15 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी. उन्होंने कहा कि किसी भी देश का समाजिक, आर्थिक विकास उसकी शैक्षणिक दशा पर निर्भर करता है एवं आज भी इस क्षेत्र में बहुत सारी कमियां हैं. हमें सारी संभावनाएं तलाशनी होंगी तथा अत्यधिक परिश्रम से उसे प्राप्त करना होगा. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों का कार्य मानव के व्यक्तित्व का निर्माण करना है.
कुलपति तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि 15 वर्षों के अपने कालखंड में इस विश्वविद्यालय ने किराये के मकान में स्थित प्रशासकीय भवन से अपने प्रशासकीय कौटिल्य भवन तक का सफर तय किया है. साथ ही यह भी बताया कि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक भवन, केन्द्रीय पुस्तकालय तथा वीसी विला भी बनकर लगभग तैयार हो चुका है. उन्होंने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली की भी खुलकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के 2047 ई. तक भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा करने के संकल्प को पूरा करने के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को अत्यधिक परिश्रमपूर्वक कार्य करना होगा. उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों से आह्वान किया कि देश के विकास में अपना योगदान दें.
स्थापना समारोह में अध्यक्षीय संबोधन के उपरांत सांस्कृतिक नृत्य, संगीत का आयोजन हुआ. इस 15वां स्थापना दिवस समारोह में नीपी विश्वविद्यालय के सभी स्नातकोतर विभागों के विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष, पांचों अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मी, संबद्धता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मी तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने शिरकत की तथा राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ.

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