प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में संत रविदास जी की मूर्ति का किया अनावरण

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी दौरे पर हैं. उन्होंने संत रविदास की जयंती के मौके पर उनकी मूर्ति का अनावरण किया. इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित भी किया. अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “गुरुदास जी के जयंती के अवसर पर उनकी जन्मभूमी पर मैं आप सभी का स्वागत करता हूं.

आप सभी उनकी जयंती के मौके पर इतनी दूर से आते हैं कि बनारस खुद भी मिनी पंजाब जैसा लगने लगता है. यह सब संत रविदास जी की कृपा से संभव होता है. मुझे भी रविदास जी बार-बार अपनी जन्मभूमि पर बुलाते हैं. मुझे उनके संकल्पों को आगे बढ़ाने का मौका मिलता है, उनके लाखों अनुयायियों की सेवा का अवसर मिलता है. गुरु के जन्मतीर्थ पर उनके सब अनुयायियों की सेवा करना मेरे लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं है.

उन्होंने कहा, “काशी का जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरी विशेष जिम्मेदारी बनती है कि मैं आप सबका स्वागत करूं और आपकी सुविधा का ख्याल रखूं. मुझे खुशी है कि आज मुझे अपने इस दायित्वों को पूरा करने का मौका मिला है. आज बनारस के विकास के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की विकास योजना का लोकार्पण और शिलान्यास होने जा रहा है.

इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा और सुखद और सरल होगी. साथ ही संत रविदास की जन्मस्थली के विकास के लिए भी कई करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण हुआ है. मंदिर और मंदिर क्षेत्र का विकास, मंदिर तक आने वाली सड़कों का निर्माण, इंटरलॉकिंग और ड्रेनेज का काम, भक्तों  के लिए सतसंग और साधना करने के लिए और प्रसाद ग्रहण करने के लिए अलग-अलग व्यवस्थाओं का निर्माण. इन सब से लाखों भख्तों को सुविधा होगी. श्रद्धालुओं को आत्मिक सुख भी मिलेगा और उन्हें कई परेशानियों से भी छुटकारा मिलेगा.

पीएम मोदी ने कहा, “आज मुझे संत रविदास जी की नई प्रतिमा के लोकार्पण का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है. संत रविदास विजन की आधारशिला भी आज रखी गई है. मैं आप सभी को इस विकास कार्य की अनेक शुभकामनाएं देता हूं. आज महान संत और समाज सुधारक गार्गय बाबा की जयंती भी है. गार्गय बाबा ने संत रविदास की तरह ही समाज को रूढ़ियों से निकालने के लिए दलितों और वंचितों के कल्याण के लिए बहुत काम किया है”.

पीएम मोदी ने आगे कहा, “खुद बाबा साहब अंबेडकर उनके बहुत बड़े प्रशंसक थे. गार्गय बाबा भी बाबा साहब से बहुत प्रभावित रहते थे. आज इस अवसर पर मैं गार्गय बाबा के चरणों में भी श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं. बरसों पहले भी जब मैं न राजनीति में था न किसी पद पर था तब भी संत रविदास जी की शिक्षाओं से मुझे मार्गदर्शन मिलता था.

मेरे मन में भावना होती थी कि मुझे रविदास जी की सेवा का अवसर मिले और आज देश की दूसरी जगहों पर भी संत रविदास से जुड़े संकल्पों को पूरा किया जा रहा है. रविदास जी की शिक्षाओं को प्रसारित करने के लिए नए केंद्रों की स्थापना भी हो रही है. अभी कुछ महीने पहले मुझे मध्यप्रदेश के सतना में भी संत रविदास स्मारक और कला संग्राह के शिलान्यास का सौभाग्य मिला था.

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours