Ranchi: सत्ता शीर्ष में अचानक हलचल से झारखंड सचिवालय भी हलकान हो गया है. बुधवार को कामकाज न के बराबर हुआ. सिर्फ जरूरी फाइलें निपटायी गयी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार की डांवाडोल स्थिति पर राज्य के वरीय अफसर अपनी पैनी निगाह बनाये हुए हैं. आइएएस, आइपीएस, आइएफएस, झाप्रसे संवर्ग में भी इस पर खासा चर्चा है. वहीं, सचिवालय के गलियारे में दिन भर इसकी चर्चा होती रही है. प्रोजेक्ट भवन सचिवालय हो या नेपाल हाउस सचिवालय सभी जगह विभागों के कार्यालयों में बैठे बाबू काम से अधिक झारखंड की राजनीतिक अस्थिरता और उठा-पठक पर चर्चा करते नजर आए. अपने-अपने करीबियों से फोन पर स्थिति की जानकारी लेते रहे. अधिकारियों व कर्मी भी यह जानना चाहता थे कि आखिर शाम में सीएम आवास में राजनीतिक दलों की बैठक किस बात पर है और इसका क्या फलाफल आयेगा. कुछ सत्ता शीर्ष से जुड़े अधिकारी सीएम बदले जाने की खबर से चिंतित भी नजर आये. शाम साढ़े चार बजे से जेएमएम विधायक दल की बैठक थी, इसलिए अधिकांश मंत्री भी दोपहर बाद मंत्रालय नहीं आये. सभी का रूख सीएम आवास की ओर ही था. ऐसे में दूसरे हाफ में तो सचिवालय में सन्नाटा भी पसरा रहा.
ईडी की कार्रवाई पर भी खूब हुई चर्चा
झारखंड मंत्रालय में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई की भी चर्चा खुब रही. सबसे अधिक सीएम के करीबियों के यहां हुए रेड पर बातचीत चलती रही. सीएम के सलाहकार अभिषेक प्रसाद के यहां चली छापेमारी क्या बरामद हुआ इस पर भी जोरों से चर्चा हुई. दबी जुबान से कई अफसर-कर्मी भी ईडी की इस कार्रवाई पर अपनी सहमति जताते रहे, हालांकि कई का कहना था कि कुछो नहीं होगा.
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