Ranchi : मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि झारखंड में मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगारोन्मुख एवं आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया जा रहा है. इसके तहत रैयती भूमि पर फलदार वृक्षों की बागवानी के लिए ग्रामीणों को सहायता प्रदान की जा रही है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अगर अंतःकृषि प्रणाली यानी दो फलदार पौधों के बीच की भूमि पर सब्जियों की खेती करेंगे तो इससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त होगी और योजना से अधिकाधिक लोग लाभान्वित होंगे और ग्रामीणों की जीवन में सुख-समृद्धि आयेगी. मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी आज झारखंड के जिलों में चल रही बिरसा हरित ग्राम योजना में कार्यरत GIZ प्रोजेक्ट के प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहीं थी. उन्होंने योजनाओं के प्रगति की जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिये.
राजेश्वरी बी ने कहा कि एक साथ कई लक्ष्यों को साध लेना मनरेगा की एक बड़ी विशेषता रही है. झारखंड राज्य के ग्रामीण परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने एवं उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए GIZ प्रोजेक्ट रामगढ़ और दुमका जिला में मनरेगा की योजना अंतर्गत बेहतर आजीविका के लिए कार्य कर रही है. इसमें एक नया आयाम जोड़ते हुए अब बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत अंतःकृषि के लिए प्रोत्साहन व सहायता प्रदान करने की नयी पहल की गई है, जिससे ग्रामीणों को आजीविका का एक सशक्त विकल्प मिलेगा.
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव अरुण सिंह, GIZ प्रोजेक्ट के प्रतिनिधि शरत सिंह सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे.
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