Patna: बिहार की राजधानी पटना में आरजेडी दफ़्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज और पानी की बौछारें की. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सरकारी कर्मी का दर्जा देने, ग्रेच्युटी, पेंशन और वेतन बढ़ाने जैसी कई मांगों के लिए 29 सितंबर से हड़ताल पर हैं. बिहार में ढाई लाख़ से अधिक आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका हैं, जो 29 सितंबर से अपने ज़िला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर रही थीं.
विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सात नवंबर को इसका घेराव करने की कोशिश की. इस दौरान भी पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. इसके बाद आठ नवंबर को पटना के मुख्य डाक बंगला चौराहा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पांच घंटे के लिए घेरा, जिसको हटाने के लिए पटना पुलिस की प्रदर्शनकारियों से झड़प हुई.
बिहार राज्य आगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन की शशि यादव ने कहा कि, “सरकार लगातार हमारे प्रदर्शन को दबाने की कोशिश कर रही है जबकि महागठबंधन के घोषणा पत्र में ही स्कीम वर्कर्स का मानदेय दोगुना करने का वायदा किया गया था. अभी सरकार ने 32 दिन की स्ट्राइक के बाद उनकी प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की घोषणा कर दी लेकिन उसे लागू नहीं किया. इस तरह से कैसे काम चलेगा.” वहीं आगनवाड़ी कार्यकर्ता रीता देवी ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि हम लोगों को सरकार ने अंशकालिक कार्यकर्ता का दर्जा दिया है यानी सिर्फ चार घंटे काम, लेकिन उनसे दिन रात काम लिया जाता है. जन्म से लेकर मृत्यु तक की ज़िम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर है.
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